वित्त मंत्रालय ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के अगले बजट भाषण के लिए विभिन्न मंत्रालयों से अपनी राय देने को कहा है, जो 2019 के आम चुनाव से पहले मौजूदा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का आखिरी बजट होगा। इस महीने की शुरुआत में मंत्रालय ने 2019-20 के लिए बजट बनाने का काम शुरू कर दिया।
इस प्रक्रिया के तहत इस्पात, ऊर्जा और आवास एवं शहरी विकास मंत्रालयों के साथ बैठक होगी। इन बैठकों में वर्तमान वित्त वर्ष के लिए संशोधित व्यय को अंतिम रूप देने के साथ-साथ अगले वित्त वर्ष के लिए लक्ष्य तय किये जाएंगे। ये बैठकें 16 नवंबर तक चलेंगी। वित्त मंत्रालय ने विभिन्न विभागों के सचिवों को पत्र लिखकर उनके मंत्रालय से जुड़़ी ऐसी तमाम जानकारियां देने को कहा है जिन्हें बजट में शामिल किया जाना चाहिये।
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मंत्रालय और विभागों से यह जानकारी 15 नवंबर तक भेजने को कहा है। आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए मोदी सरकार वर्ष 2019-20 के लिये अंतरिम बजट पेश करने की संभावना है, जिसे लेखानुदान भी कहते हैं। आम बजट एक फरवरी को पेश किया जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने फरवरी माह की अंतिम तिथि को बजट पेश करने की पुराने जमाने से चली आ रही परंपरा को समाप्त कर एक फरवरी को बजट पेश करने की शुरुआत की है।
अब तक चली आ रही परंपरा के अनुसार चुनावी वर्ष के दौरान एक निश्चित अवधि के दौरान जरूरी सरकारी खर्चों के लिए लेखानुदान लाया जाता है। चुनाव के बाद सत्ता में आने वाली नई सरकार बाद में पूर्ण बजट पेश करती है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम ने फरवरी 2014 में लेखानुदान बजट पेश किया था और उसके बाद नई सरकार के सत्ता में आने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जुलाई 2014 में पूर्ण बजट पेश किया।