नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों पर नोटबंदी के असर से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और दावा किया कि अब केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने भी मान लिया है कि नोटबंदी से कृषकों की कमर टूट गई। गांधी ने ट्विटर पर एक खबर शेयर करते हुए कहा, ‘‘ नोटबंदी ने करोड़ों किसानों का जीवन नष्ट कर दिया है।
अब उनके पास बीज-खाद खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा भी नहीं है। लेकिन आज भी मोदी जी हमारे किसानों के दुर्भाग्य का मज़ाक़ उड़ाते हैं। अब उनका कृषि मंत्रालय भी कहता है कि नोटबंदी से किसानों की कमर टूट गई।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने जो खबर शेयर की है उसके मुताबिक वित्त मंत्रालय से संबंधित स्थायी संसदीय समिति को सौंपी रिपोर्ट में कृषि मंत्रालय ने कहा है कि नोटबंदी का किसानों पर बुरा असर पड़ा है।
नोटबंदी के बाद नकदी की कमी हो गई्र जिससे किसान रबी और खरीफ की फसल के लिए बीज-खाद नहीं खरीद सके। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान गत मंगलवार को कहा था कि देश से भ्रष्टाचार के दीमक को साफ करने और बैंकिंग प्रणाली में पैसा वापस लाने के लिये नोटबंदी जैसी कड़वी दवा का उपयोग करना जरुरी था।
कृषि मंत्रालय ने भी माना,नोटबंदी ने किसानों को किया बर्बाद
मोदी सरकार ने लिए नोटबंदी के फैसले को लेकर विपक्ष हमलावर है। विपक्ष नोटबंदी को दुर्भाग्यपूर्ण करार देता है और सरकार इसे फायदेमंद बताती। कृषि मंत्रालय ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है। कि नोटबंदी के फैसले से किसानों पर बहुत बुरा असर पड़ा था। जिसके चलते संसद की एक स्थायी समिति कि बैठक में कृषि मंत्रालय ने माना है कि नगदी की कमी के चलते लाखों किसान, रबी सीजन में बुआई के लिए बीज-खाद नहीं खरीद। जिससे किसानों पर काफी बुरा असर पड़ा है।
कृषि मंत्रालय रिपोर्ट संसदीय समिति को सौंपी है। कृषि मंत्रालय ने संसदीय समितिसे कहा कि जब नोटबंदी हुई थी। तब किसान अपनी खरीफ की पैदावार बेच रहे थे या फिर रबी फसलों की बुआई कर रहे थे। किसानों को ऐसे टाइम में कैश कि बहुत जरूरत होती है। लेकिन उस टाइम कैश कि दिक्कत को लेकर किसान बीज और खाद नहीं खरीद पाए।
मंत्रालय ने बताया कि कैश की किल्लत के चलते राष्ट्रीय बीज निगम के लगभग 1 लाख 38 हजार क्विंटल गेहूं के बीज नहीं बिक पाए थे। हालांकि सरकार ने बाद में गेहूं के बीज खरीदने के लिए 1000 और 500 रुपए के पुराने नोटों के इस्तेमाल की छूट दे दी थी। कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की इस छूट के बाद भी बीज के बिक्री में कोई खास तेजी नहीं आई थी। उधर म मंत्रालय ने समिति के समक्ष नोटबंदी की तारीफ करते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नोटबंदी के बाद के क्वार्टर में रोजगार के आंकड़ों में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।