केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस (कोविड-19) मामलों के लिए अस्पताल से छुट्टी दिए जाने की नीति में शनिवार को बदलाव किया है। अब कोरोना वायरस संक्रमण के केवल गंभीर मरीजों की ही अस्पताल से छुट्टी दिए जाने से पहले जांच की जायेगी। अब तक किसी मरीज को तब छुट्टी दी जाती थी जब 14 दिन के बाद उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आती थी। एक जांच के बाद फिर 24 घंटे के अंतराल में दूसरी जांच की जाती थी।
नये बदलावों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों में गंभीर बीमारी विकसित होती है या रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है तो ऐसे मरीजों को अस्पताल द्वारा छुट्टी देने से पहले आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी। कोविड-19 के हल्के और बहुत हल्के मामलों में लक्षणों के समाप्त होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दिये जाने से पहले जांच कराये जाने की जरूरत नहीं होगी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोविड-19 से मृतकों की संख्या 1,981 हो गई है और शनिवार को इसके मामलों की संख्या 59,662 पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे में 95 और लोगों की मौत हुई और इस वायरस के 3,320 नये मामले सामने आये है। संशोधित नीति में कहा गया है कि यदि मरीज का बुखार तीन दिन में ठीक हो जाता है और अगले चार दिन मरीज (ऑक्सीजन की मदद के बिना) ‘सैचुरेशन’ 95 प्रतिशत से अधिक बनाये रखता है तो इस तरह के मरीज को 10 दिन में अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है।
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मंत्रालय ने कहा कि ‘‘अस्पताल से छुट्टी से पहले जांच की आवश्यकता नहीं होगी।’’ छुट्टी दिये जाने के समय मरीज को दिशा-निर्देशों के अनुसार सात दिन घर में पृथक रहने को कहा जायेगा। कोविड-19 के हल्के लक्षणों वाले मरीजों को कोविड देखभाल केन्द्र में भर्ती किया जायेगा जहां उनके तापमान की नियमित जांच की जायेगी।
संशोधित नीति में कहा गया है कि ‘‘लक्षण शुरू होने के 10 दिन बाद और तीन दिन तक बुखार नहीं होने के बाद रोगी को छुट्टी दी जा सकती है। छुट्टी दिये जाने से पहले मरीज को जांच की जरूरत नहीं होगी।’’ केन्द्र से छुट्टी दिये जाने के बाद यदि मरीज में फिर से बुखार, खांसी या सांस लेने में दिक्कत संबंधी लक्षण सामने सामने आते है तो वे कोविड देखभाल केन्द्र या राज्य हेल्पलाइन या 1075 पर संपर्क कर सकते हैं।