प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में मंत्रिमंडल ने इजरायल के साथ स्वास्थ्य और दवा के क्षेत्र में तथा स्पेन के साथ खगोल विज्ञान के क्षेत्र में वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग करने के अलग अलग समझौते को मंजूरी दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठक में किए गए समझौतों की जानकारी दी।
जावड़ेकर ने एक संवाददाता सम्मेलन में इनकी जानकारी देते हुए बताया कि भारत ने इजरायल और स्पेन के साथ किए गए दो अलग-अलग समझौतों को मंजूरी दी है। इजराइल के साथ हुए समझौता ज्ञापन के तहत डॉक्टरों, अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों का आदान-प्रदान और प्रशिक्षण, मानव संसाधन विकास व स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं स्थापित करने में सहयोग जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
इसमें फार्मास्युटिकल, चिकित्सा उपकरणों और सौंदर्य प्रसाधनों के विनियमन के संबंध में सूचनाओं का आदान-प्रदान भी शामिल है। बयान के मुताबिक इस समझौते में जलवायु संबंधी खतरे के समक्ष नागरिकों के स्वास्थ्य की नाजुकता का आकलन और नियंत्रण एवं अनुकूलन के उद्देश्य से जन-स्वास्थ्य संबंधी कार्रवाइयों के बारे में विशेषज्ञता को साझा करना भी शामिल है।
इस समझौते के तहत जलवायु सहनीय अवसंरचना के साथ-साथ ‘ग्रीन हेल्थकेयर’ (विषम जलवायु के अनुरूप अस्पताल) के विकास के लिए सहायता उपलब्ध कराने के लिए विशेषज्ञता को साझा किया जाएगा, विभिन्न प्रासंगिक क्षेत्रों में आपसी अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा और सहयोग का अन्य कोई क्षेत्र जिसका परस्पर निर्धारण किया जाए। इस समझौते के तहत प्रत्येक पक्ष दूसरे पक्ष के संबद्ध निकायों द्वारा सहयोग के मुद्दों पर आयोजित किए जाने वाले गोलमेज, सेमिनारों, संगोष्ठियों, कार्यशालाओं और सम्मेलनों में अपने देशों के प्रतिनिधियों की भागीदारी को प्रोत्साहन देगा।
स्पेन के साथ खगोल विज्ञान के क्षेत्र में समझौते पर हस्ताक्षर की मंजूरी
मंत्रिमंडल ने भारत और स्पेन के बीच खगोल विज्ञान के क्षेत्र में वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग को विकसित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को भी मंजूरी दी। भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (आईआईए), बेंगलुरू और स्पेन के इंस्टीट्यूटो एस्ट्रोफिजिका डी कानरियास (आईएसी) और ग्रानटिकान, एस.ए. (जीटीसी), स्पेन के बीच खगोल विज्ञान के क्षेत्र में वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग को विकसित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से अवगत कराया गया।
इस समझौता ज्ञापन में नए वैज्ञानिक परिणाम, नई तकनीकें, वैज्ञानिक संवाद और प्रशिक्षण में बढ़तरी से क्षमता निर्माण, संयुक्त वैज्ञानिक परियोजनाएं इत्यादि शामिल है। इस समझौता ज्ञापन के तहत संयुक्त शोध परियोजनाएं, प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्मेलन, संगोष्ठी आदि सभी पात्र वैज्ञानिकों, छात्रों और तकनीकीविदों के लिए हैं और वैज्ञानिक प्रतिभा तथा अनुभव इसके निर्धारण का मानक होगा।