केंद्र सरकार ने बुधवार को दवाओं के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी। इस कदम से क्षेत्र में 15,000 करोड़ रुपये का नया निवेश आने का अनुमान है। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में योजना को मंजूरी दी गयी। इससे घरेलू विनिर्माताओं को लाभ होगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और ग्राहकों के लिये व्यापक स्तर पर सस्ती दवाएं उपलब्ध होंगी।
योजना की अवधि 2020-21 से 2028-29 होगी और इससे देश में उच्च मूल्य के उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा मिलने तथा निर्यात में और मूल्यवर्धन की उम्मीद है। विज्ञप्ति के अनुसार अगले छह साल 2022-23 से 2027-28 के दौरान बिक्री में 2,94,000 करोड़ रुपये और निर्यात में 1,96,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वृद्धि होने का अनुमान है। इस योजना से क्षेत्र के विकास के परिणामस्वरूप 20,000 प्रत्यक्ष और 80,000 अप्रत्यक्ष नौकरियां सृजित होने का अनुमान है। इसमें कुशल और अकुशल दोनों तरह के रोजगार सृजित होंगे।
विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘इस योजना से औषधीय क्षेत्र में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है।’’ इससे उभरती हुई थैरेपियां और जांच कार्यों (डायग्नोस्टिक) में उपयोग होने वाले उपकरणों के साथ आयातित औषधियों में आत्मनिर्भरता सहित जटिल तथा उच्च तकनीक वाले उत्पादों के विकास के लिए नवोन्मेष को बढ़ावा मिलेगा। विज्ञप्ति के अनुसार योजना से उम्मीद है कि गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आवश्यक चिकित्सा उत्पाद भारतीय आबादी तक किफायती दामों में पहुंच सकेंगे।