हैदराबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि जीवन रंग-ढंग बदने वाली ब्लॉचेन और इंटरनेट आफ थिंग्स (आईओटी) जैसी प्रौद्योगिकियों को देश में कार्यस्थलों पर तेजी से अपनाने की जरूरत है ताकि हम उनके साथ साथ प्रगति कर सकें। सूचना प्रौद्योगिकी पर विश्व कांग्रेस (डब्ल्यूसीआईटी) के 22वें संस्करण का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उद्घाटन करने के बाद मोदी ने कहा कि बदलाव वाली प्रौद्योगिकियों मसलन ब्लॉकचेन और आईओटी का आज हमारे जीवन तथा काम करने के तौर रीकों पर गहरा प्रभाव है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें दफ्तरों में इन्हें तेजी से अपनाने की जरूरत है। नागरिकों को आने वाले मानव संसाधन के लिए कुशल बनाना महत्वपूर्ण है। भारत में हमने अपने बच्चों और युवाओं के उत्पादक और उज्जवल भविष्य के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन शुरू किया है। ‘‘हमें यह भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हमारा मौजूदा श्रमबल नई प्रौद्योगिकियों के उभरने के साथ खुद को उनके अनुरूप ढाल सके।
मोदी ने इस बात का जिक्र किया कि सम्मेलन के वक्तओं में एक वक्तता रोबोट ‘सोफिया’ ने नई प्रौद्योगिकियों की क्षमता का प्रदर्शन किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें इंटेलिजेंट आटोमेशन के उभरते दौर में नौकरियों की बदलती प्रकृति पर ध्यान देना होगा। मोदी ने कहा कि डब्ल्यूसीआईटी का आयोजन देश में पहली बार किया गया है। हमें पूरा विश्वास है कि यह दुनिया के निवेशकों, नवोन्मेषकों, शोध संस्थानों तथा अन्य अंशधारकों के आपसी हित में है। प्रधानमंत्री ने नयी उभरती आठ प्रमुख प्रौद्योगिकियों की पहचान के लिए साफ्टवेयर उद्योगों के संगठन नास्कॉम की सराहना की। इनमें आर्टिफिशन इंटेलिजेंस, आईओटी, वर्चुअल रियल्टी तथा बिग डेटा एनालिटिक्स शामिल हैं। साथ ही मोदी ने संगठन द्वारा 55 ऐसी रोजगार भूमिकाओं की पहचान के लिए भी सराहना की जिनकी वैश्विक स्तर पर भारी मांग होगी। उन्होंने कहा, ‘‘आज डिजिटल प्रौद्योगिकी प्रत्येक कारोबार का मुख्य हिस्सा है। हम कैसे अपने लाखों लघु और मझोले उपक्रमों को छोटे समय में इस बदलाव के लिए तैयार कर सकते हैं, यह महत्वपूर्ण मुद्दा है।’’ स्टार्टअप इंडिया पहल का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा विश्वास है कि विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक और आर्थिक समाधान ढूंढने की दृष्टि से स्टार्टअप महत्वपूर्ण हैं। मोदी ने कहा कि वासुधैव कुटुम्बकम हमारी समावेशी परंपरा को दर्शाता है और 21 सदी में प्रौद्योगिकी इस अवधारणा को सहजढंग से साकार करने में सहायक हो रही है।
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