कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के 44.51 करोड़ खाताधारकों के खातों पर ब्याज में कटौती कर करीब सात हजार करोड़ रुपये संकटग्रस्त यस बैंक में डाल रही है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि क्या यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संयोग है या प्रयोग ?
उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ भारतीय स्टेट बैंक में 44.51 करोड़ खाताधारक हैं। इनके बचत खाते का ब्याज 3.25 प्रतिशत से कम कर 3 प्रतिशत कर दिया। फिक्स्ड डिपॉजिट का ब्याज भी 10 से 50 बेसिस प्वाईंट तक कम कर दिया यानी लगभग 0.25 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत तक कम किया।’’
सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘2018-19 की एसबीआई की बैलेंसशीट के मुताबिक बचत खातों में 10,91,751 करोड़ रु. जमा हैं। यदि ब्याज 0.25 प्रतिशत कम होता है, तो खाताधारकों को सालाना ब्याज का नुकसान 2,729 करोड़ रुपये है। इसी प्रकार 2018-19 की एसबीआई की बैलेंसशीट के मुताबिक फिक्स्ड डिपॉजिट की राशि 16,14,058 करोड़ रुपये है। यदि 0.25 प्रतिशत ब्याज भी कम होता है, तो फिक्स्ड डिपॉज़िट धारकों को ब्याज में सालाना 4,035 करोड़ रु. का नुकसान है।’’
उन्होंने कहा कि एफडी खातों और बचत खातों पर ब्याज में की गई कटौती की कुल राशि 6,764 करोड़ रुपये बनती है और यही पैसा यस बैंक में लगाया जा रहा है।
दअरसल, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को यस बैंक की पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी। रिजर्व बैंक द्वारा प्रस्तावित इस योजना के तहत एसबीआई यस बैंक की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा।
एसबीआई ने बृहस्पतिवार को यस बैंक में 7,250 करोड़ रुपये निवेश करने की मंजूरी दी थी। यह उसकी शुरुआती 2,450 करोड़ रुपये निवेश की योजना से बहुत अधिक है।