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राफेल मामले को लेकर बैकफुट पर मोदी सरकार, जेपीसी जांच के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं: ए के एंटनी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए के एंटनी ने कहा कि अब सरकार के पास संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है।

फ्रांस में चर्चित राफेल विमान सौदे के घोटाले की जांच शुरु हो गई है, ऐसे में इसका प्रभाव भारत की राजनीति पर पड़ना आरंभ हो गया है। कांग्रेस ने सोमवार को मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार की चुप्पी कई बड़े सवाल खड़े हो रहे है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए के एंटनी ने कहा कि अब सरकार के पास संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है।
जहां पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सच को दबाया नहीं जा सकता, तो वहीं पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने कहा कि मोदी सरकार इस मामले में खामोश रहककर जवाबदेही से नहीं बच सकती है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘सच को दबाया नहीं जा सकता।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एंटनी ने एक बयान में कहा, ‘‘फ्रांस की लोक अभियोजन सेवा ने राफेल विमानों की खरीद के सौदे में हुए भ्रष्टाचार और लाभ पहुंचाने के मामले की जांच के लिए न्यायाधीश की नियुक्ति की है। अब इस मामले में प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार दिखाई देता है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘मोदी सरकार की चुप्पी उसकी भ्रष्टाचार को ढंकने की मंशा की ओर इशारा करती है। इस मामले की जांच और दोषियों को दंडित करने से भाजपा सरकार का इनकार इस भ्रष्टाचार को दबाने के उसके प्रयासों को दिखाता है।’’ उन्होंने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अप्रैल, 2015 को पेरिस गए और निविदा प्रक्रिया के बिना और रक्षा खरीद प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए 36 विमानों की खरीद की मनमाने ढंग से घोषणा की।
पूर्व रक्षा मंत्री ने सवाल किया, ‘‘ प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा सरकार ने आज तक इसको स्पष्ट नहीं किया कि खरीदे जाने वाले विमानों की संख्या 126 से घटाकर 36 क्यों की गई और भारत को प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण से वंचित रखने के क्या कारण हैं?’’ एंटनी ने यह भी पूछा, ‘‘प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री खामोश क्यों हैं? सरकार ने चुप्पी क्यों साध रखी है? क्या नरेंद्र मोदी सरकार जवाबदेही से भाग सकती है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘ फ्रांस में इस मामले की जांच आरंभ होने के बाद अब यहां जवाबदेही स्वीकारी जानी चाहिए और जेपीसी जांच का आदेश दिया जाना चाहिए। जेपीसी जांच के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।’’ गौरतलब है कि फ्रांस की समाचार वेबसाइट ‘मीडिया पार्ट’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के साथ 59000 करोड़ रुपये के राफेल विमान सौदे में कथित भ्रष्टाचार के मामले में फ्रांस के एक न्यायाधीश को ‘बहुत संवेदशील’ न्यायिक जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पिछले दिनों इस रिपोर्ट के आने तत्काल बाद कांग्रेस ने जेपीसी जांच की मांग फिर से उठाई थी। इसके बाद भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया था कि राहुल गांधी को प्रतिस्पर्धी रक्षा कंपनियां ‘‘मोहरा’’ बना रही हैं और साथ ही दावा किया था कि देश को ‘‘कमजोर’’ करने के प्रयास के तहत वह और कांग्रेस पार्टी राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे हैं।

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