प्रदर्शनकारी किसानों ने सोमवार को नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर सांप्रदायिक, फासीवादी और निरंकुश होने का आरोप लगाया और विरोध प्रदर्शन करने के लिए बुराड़ी के संत निरंकारी मैदान में इकट्ठा होने की सरकार की मांग को खारिज कर दिया।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के पंजाब खंड के अध्यक्ष दर्शन पाल ने सिंघु में दिल्ली-हरियाणा सीमा पर यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, मोदी सरकार चेहरे पर कुछ और बोलती है, लेकिन अपने बगल में खंजर रखती है। भाजपा एक सांप्रदायिक फासीवादी और निरंकुश दल है।
पाल ने कहा कि आंदोलन को मजबूत करने के लिए किसान एक और बैठक करेंगे। उन्होंने विरोध के लिए बुराड़ी मैदान जाने के सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा, हम प्रस्ताव को अस्वीकार करते हैं। हम अपनी कहानी बताने के लिए यहां आए हैं और हम कदम पीछे नहीं खींचेंगे।
कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने भी संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और किसानों के विरोध को ‘ऐतिहासिक’ क्षण बताया। यादव ने कहा, यह 31 साल बाद हो रहा है। पहले महेंद्र सिंह टिकैत किसानों को साथ लेकर आए थे। यादव ने कहा कि झूठ फैलाया जा रहा है कि किसान अनजान हैं।
उन्होंने कहा, आज वास्तविकता यह है कि पंजाब और हरियाणा के प्रत्येक बच्चे को पूरी तरह से इस सख्त कानून के बारे में पता है। हाल ही में संसद द्वारा पारित तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर देश के कई हिस्सों के किसान दिल्ली में एकत्र हुए हैं।
वे इन कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम के दौरान इन तीनों कृषि कानूनों को किसानों के लिए फायदेमंद बताया था।