प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल के अंत से पहले 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' नीति को लागू करने की तैयारी कर रही है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार अग्नेसी को यह जानकारी दी।
एक राष्ट्र, एक चुनाव नीति
सूत्रों से पता चला है कि सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' नीति को लागू करने के बारे में आशावादी है। सरकार को अपने सहयोगियों के समर्थन से इस सुधार के लिए पर्याप्त समर्थन मिलने की उम्मीद है।
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के समर्थकों का तर्क है कि इससे शासन व्यवस्था प्रभावशाली होगी।
एक साथ चुनाव की अवधारणा भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र में एक प्रमुख संकल्प
इस साल अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में पीएम मोदी ने राजनीतिक दलों से इस पहल का समर्थन करने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि लगातार चुनाव से विकास कार्य प्रभावित होते हैं।
एक साथ चुनाव की अवधारणा भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र में एक प्रमुख संकल्प था।
एक राष्ट्र, एक चुनाव' की प्रक्रिया पकड़ रही है जोर
इस साल की शुरुआत में पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाले पैनल द्वारा एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की प्रक्रिया जोर पकड़ रही है।
लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की अवधारणा का जोरदार समर्थन
पैनल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को रिपोर्ट प्रस्तुत किया और लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की अवधारणा का जोरदार समर्थन किया।
रविवार को शीर्ष सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि सरकार ने जनगणना की तैयारी भी शुरू कर दी है, लेकिन सर्वेक्षण में जाति कॉलम को शामिल करने के बारे में अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है।
सूत्रों ने कहा कि दशकीय जनगणना जल्द ही आयोजित की जाएगी।
भारत 1881 से हर दशक में जनगणना करता आ रहा है। इस दशक की जनगणना का पहला चरण 1 अप्रैल, 2020 को शुरू होना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया।