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मोदी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री संग्रहालय का किया उद्घाटन, मिलेगी सभी पूर्व PM से जुड़ी अहम जानकारियां

पीएम मोदी करीब 11 बजे तीन मूर्ति भवन में नेहरू स्मारक एवं संग्रहालय पहुंचे जहां केन्द्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने उनका स्वागत किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दिल्ली में देश के सभी प्रधानमंत्रियों के जीवन एवं योगदान पर आधारित प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया। पीएम मोदी करीब 11 बजे तीन मूर्ति भवन में नेहरू स्मारक एवं संग्रहालय पहुंचे जहां केन्द्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने उनका स्वागत किया। मोदी ने बाद में संग्रहालय का भ्रमण किया और इसके बाद शिलापट्ट का अनावरण करके संग्रहालय का उद्घाटन किया। यह शुभारंभ संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर किया गया है। इस मौके पर पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री एम जे अकबर भी मौजूद थे। आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के दौरान शुरू हुए इस संग्रहालय में स्वतंत्रता के पश्चात सभी प्रधानमंत्रियों के जीवन और योगदान के माध्यम से लिखी गई भारत की गाथा का वर्णन किया गया है।
15 हजार 600 वर्ग मीटर से अधिक है दो ब्लाकों का कुल क्षेत्रफल
राष्ट्र निर्माण की दिशा में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को सम्मान देने के लिए प्रधानमंत्री संग्रहालय स्वतंत्रता के बाद से भारत के प्रत्येक प्रधानमंत्री की विचारधारा अथवा कार्यकाल से इतर देश के प्रति उनके योगदानों के लिए एक श्रद्धांजलि देने का एक समावेशी प्रयास है, जिसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को हमारे सभी प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व, दूरदृष्टि और उपलब्धियों के प्रति संवेदनशील बनाना और प्रेरणा देना है। पुराने और नए के सहज मिश्रण का प्रतिनिधित्व करते हुए, संग्रहालय ब्लॉक 1 के रूप में नामित तत्कालीन तीन मूर्ति भवन को ब्लॉक 2 के रूप में नामित नवनिर्मित भवन के साथ एकीकृत किया गया है। दो ब्लॉकों का कुल क्षेत्रफल 15 हजार 600 वर्ग मीटर से अधिक है।
उभरते भारत की कहानी से प्रेरित है संग्रहालय के भवन का डिजाइन
संग्रहालय के भवन का डिजाइन उभरते भारत की कहानी से प्रेरित है, जिसे इसके नेताओं के हाथों से आकार दिया और ढाला गया है। डिजाइन में दीर्घकालिक और ऊर्जा संरक्षण से जुड़ी तकनीक को भी शामिल किया गया है। परियोजना पर कार्य के दौरान न तो किसी वृक्ष को काटा गया है और न ही प्रतिरोपित किया गया है। संग्रहालय का लोगो राष्ट्र और लोकतंत्र के प्रतीक धर्म चक्र को धारण करने वाले भारत के लोगों के हाथों का प्रतिनिधित्व करता है। संग्रहालय के लिए जानकारियों को प्रसार भारती, दूरदर्शन, फिल्म प्रभाग, संसद टीवी, रक्षा मंत्रालय, भारतीय एवं विदेशी मीडिया संगठनों, विदेशी समाचार एजेंसियों आदि जैसे संस्थानों के संसाधनों/संग्राहकों के माध्यम से एकत्र किया गया।
अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी-आधारित इंटरफेस को किया गया है शामिल
अभिलेखागार के उचित उपयोग (संग्रहित कार्य और अन्य साहित्यिक कार्य, महत्वपूर्ण पत्राचार), कुछ व्यक्तिगत वस्तुएं, उपहार और यादगार वस्तुएं (सम्मान पत्रों, सम्मान, प्रदान किए गए पदक, स्मारक टिकट, सिक्के, आदि), प्रधानमंत्रियों के भाषण और विचारधाराओं के उपाख्यानात्मक प्रतिनिधित्वों एवं प्रधानमंत्रियों के जीवन के विभिन्न पहलुओं को एक विषयगत प्रारूप में दर्शाया गया है। संग्रहालय ने विषय-वस्तुओं में विविधता और इनके प्रदर्शन को निरंतर रूप से नया रंग देने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी-आधारित इंटरफेस को शामिल किया गया है। होलोग्राम, वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी, मल्टी-टच, मल्टीमीडिया, इंटरेक्टिव कियोस्क, कम्प्यूटरीकृत काइनेटिक मूर्तियां, स्मार्टफोन एप्लिकेशन, इंटरेक्टिव स्क्रीन, अनुभवात्मक इंस्टॉलेशन आदि प्रदर्शनी सामग्री को अत्यधिक संवादात्मक और आकर्षक रूप प्रदान करते हैं।
वर्चुअल तकनीक से तस्वीर खिंचाने की मिलेगी सुविधा
लोगों को अपनी पसंद के पूर्व या मौजूदा प्रधानमंत्री के साथ वर्चुअल तकनीक से तस्वीर खिंचाने की सुविधा होगी। संग्रहालय में कुल 43 वीथिकाएं हैं। स्वतंत्रता संग्राम के प्रदर्शन से शुरू होकर संविधान के निर्माण तक यह संग्रहालय इस गाथा को सुनाता है कि कैसे हमारे प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न चुनौतियों के बावजूद देश को नई राह दी और देश की सर्वांगीण प्रगति को सुनिश्चित किया।

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