गुजरात मिशन पर मोदी! पीएम बोले- गुजरात की सफलता नई दिशा, 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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गुजरात मिशन पर मोदी! पीएम बोले- गुजरात की सफलता नई दिशा, 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि गुजरात को बदनाम करने और निवेश रोकने के लिए साजिशें रची गई हैं, लेकिन गुजरात ने इन्हें नज़रअंदाज किया और प्रगति का नया मार्ग प्रशस्त किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि गुजरात को बदनाम करने और निवेश रोकने के लिए साजिशें रची गई हैं, लेकिन गुजरात ने इन्हें नज़रअंदाज किया और प्रगति का नया मार्ग प्रशस्त किया।
2001 में कच्छ के विनाशकारी भूकंप….बोले पीएम मोदी 
मोदी इस साल के अंत में गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भुज में विकास कार्यों का उद्घाटन करने और उनकी नींव रखने के बाद एक रैली को संबोधित कर रहे थे। मोदी ने कहा कि फिलहाल कई कमियों के बावजूद वह साफ तौर पर 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनते हुए देख सकते हैं।मोदी ने भुज में 4400 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्धाटन किया और आधारशिला रखी जिनमें सरदार सरोवर परियोजना की कच्छ शाखा नहर, सरहद डेयरी की नई स्वचालित दूध प्रसंस्करण और पैकिंग संयंत्र, भुज में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र, गांधीधाम में डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर सम्मेलन केंद्र, अंजार में वीर बाल स्मारक और नखत्राणा में भुज 2 उपस्टेशन शामिल है।मोदी ने कहा, “ गुजरात एक के बाद एक प्राकृतिक आपदाओं से निपट रहा था तब गुजरात को देश और दुनिया में बदनाम करने की साज़िशें रची गईं। गुजरात आने वाले निवेश को रोकने के लिए बार-बार प्रयास किए गए।”
Prime Minister Narendra Modi Mann Ki Baat 92 Episode All Update In Hindi  Language - Ganpati News
उन्होंने कहा कि गुजरात ने उसे बदनाम करने वाले सभी प्रयासों को नज़रअंदाज़ किया, साज़िशों को नाकाम किया और राज्य प्रगति के नए पथ पर आगे बढ़ा।प्रधानमंत्री ने कहा, “ 2001 में कच्छ के विनाशकारी भूकंप के बाद मैंने कच्छ के पुनर्विकास के बारे में बात की थी और हमने इसके लिए कड़ी मेहनत की थी। उस चुनौतीपूर्ण समय में हमने कहा था कि हम आपदा को अवसर में बदलेंगे और हमने इसे हासिल किया। आज हम परिणाम देख रहे हैं।”उन्होंने कहा कि कई लोग ऐसे थे, जिन्होंने कहा था कि कच्छ भूकंप से उबर नहीं पाएगा, लेकिन लोगों ने परिदृश्य बदल दिया है।
कच्छ में आज दुनिया के सबसे बड़े सीमेंट संयंत्र हैं- मोदी
मोदी ने कहा, “जब मैं लालकिले की प्राचीर से कहता हूं कि 2047 तक भारत विकसित देश होगा, मैं यह साफ तौर पर देख सकता हूं। हालांकि आप कुछ कमियां देख सकते हैं। हम आज जिसका संकल्प लेते हैं, उसे हम 2047 में निश्चित रूप से साकार करेंगे।” उन्होंने कहा कि गुजरात देश में ऐसा पहले राज्य बना जिसने आपदा प्रबंधन कानून बनाया। उन्होंने कहा, “इस कानून से प्रेरणा लेकर पूरे देश के लिए ऐसा ही एक कानून बना। इस कानून ने कोविड-19 महामारी के दौरान देश में हर सरकार की मदद की।”
कच्छ में मई 2001 में मची तबाही के बाद किए गए असाधारण कामों को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि 2003 में क्रांतिगुरु श्यामजी कृष्ण वर्मा कच्छ विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी और 35 से ज्यादा नए कॉलेजों की स्थापना भी की गई है। उन्होंने भूकंपरोधी जिला अस्पतालों और क्षेत्र में 200 से अधिक क्लीनिक के बारे में भी बात की और कहा कि हर घर को पवित्र नर्मादा का साफ पानी मिलता है।भूकंप के बाद क्षेत्र के विकास के बारे में बोलते हुए मोदी ने कहा कि कच्छ में आज दुनिया के सबसे बड़े सीमेंट संयंत्र हैं। वेल्डिंग पाइप निर्माण के मामले में यह दुनिया में दूसरे स्थान पर है।
मोदी ने कहा कि उन्हें याद है कि जब कच्छ में भूकंप आया था
प्रधानमंत्री ने कहा, “ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा संयंत्र कच्छ में है। एशिया का पहला विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईज़ेड) कच्छ में बना।”मोदी ने कहा, हमारी विरासत में गौरव के ‘पंच प्रण’ में से एक को याद किया जिसे उन्होंने लालकिले की प्राचीर से घोषित किया था। इसी के साथ प्रधानमंत्री ने कच्छ की समृद्धि और समृद्ध विरासत पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि भुज में स्मृति वन स्मारक और अंजार में वीर बाल स्मारक कच्छ, गुजरात और पूरे देश के साझा दर्द के प्रतीक हैं। मोदी ने इन दोनों स्मारकों का उद्घाटन किया था जो 2001 के कच्छ भूकंप के लगभग 13,000 पीड़ितों को समर्पित हैं।मोदी ने कहा, “स्मारक का उद्घाटन करते समय आज मेरे दिल में कई भावनाएं उमड़ पड़ीं। मैं पूरी विनम्रता के साथ कह सकता हूं कि दिवंगत आत्माओं की याद में स्मृति वन स्मारक अमेरिका में 9/11 स्मारक और जापान में हिरोशिमा स्मारक के समान है।”मोदी ने कहा कि उन्हें याद है कि जब कच्छ में भूकंप आया था तो वह दूसरे दिन ही यहां पहुंचे थे। उन्होंने कहा, “ मैं तब गुजरात का मुख्यमंत्री नहीं था, मैं एक साधारण (भाजपा) पार्टी कार्यकर्ता था। मुझे नहीं पता था कि मैं किस तरह से और कितने लोगों की मदद कर पाऊंगा। लेकिन मैंने निश्चय किया था कि दुख की इस घड़ी में मैं आप सभी के बीच रहूंगा। और जब मैं मुख्यमंत्री बना तो इस सेवा के अनुभव ने मेरी बहुत मदद की।”

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