प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र को दिये अपने संबोधन में लोगों से कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की जिस पर सत्तारूढ़ भाजपा ने सभी से प्रधानमंत्री की अपील को मानने का अनुरोध किया तो विपक्ष ने आलोचना करते हुए कहा कि देश को ‘कोरे भाषण’ नहीं बल्कि ‘ठोस समाधान’ चाहिए।
पर्व और त्योहारों के मौसम की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने आज एक बार फिर देशवासियों को कोरोना वायरस संक्रमण के अब भी मंडरा रहे खतरे के प्रति आगाह किया और कहा कि यह समय लापरवाह होने या यह मान लेने का नहीं है कि कोरोना से कोई खतरा नहीं है।
प्रधानमंत्री के भाषण के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर कोरोना वायरस संकट से निपटने में नाकाम रहने का आरोप लगाया और कहा कि देश अब ‘कोरा संबोधन’ नहीं, बल्कि ठोस समाधान चाहता है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि मोदी सरकार महामारी और अर्थव्यवस्था दोनों ही मोर्चों पर विफल साबित हुई है।
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि देश की जनता को प्रधानमंत्री की अपील को मानना चाहिए और सभी के कल्याण के उद्देश्य से उनका अक्षरश: पालन होना चाहिए।
मोदी के संबोधन के कुछ ही समय बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देशवासियों की सुरक्षा और स्वस्थ जीवन ही केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन इस संकल्प को पुन: दर्शाता है।
मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘भारतवासियों की सुरक्षा और स्वस्थ जीवन ही मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। कोरोना के विरुद्ध इस जंग में भी देशवासियों के जीवन को बचाना ही मोदी सरकार ने अपना परम कर्तव्य माना। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए इस संकल्प को पुनः दोहराया है।’’
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह मान लेना अनुचित होगा कि कोरोना वायरस का जोखिम खत्म हो गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी खुद की सुरक्षा के लिए हमें प्रधानमंत्री मोदी के संदेश का पालन करना चाहिए।’’
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने आरोप लगाया कि लॉकडाउन लगने के बाद से सातवीं बार देश को संबोधित कर रहे प्रधानमंत्री मोदी ने महामारी से निपटने में आने वाली सभी कमियों को दरकिनार कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘सच तो यह है कि संक्रमण और मौत के मामलों में भारत का स्थान अमेरिका के बाद है।’’
पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘24 मार्च, 2020 को मोदी जी ने कहा था कि महाभारत का युद्ध 18 दिन चला था और कोरोना से युद्ध जीतने में 21 दिन लगेंगे। लेकिन 210 दिन बाद भी समूचे देश में ‘कोरोना महामारी की महाभारत’ छिड़ी है, लोग मर रहे हैं, पर मोदी जी ‘समाधान के बजाय’ टेलीविज़न पर कोरे संबोधन से काम चला रहे हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कोरोना से लड़ाई में मोदी सरकार पूरी तरह निकम्मी व नाकारा साबित हुई है। महामारी की विभीषिका में भाजपा ने देश के लोगों को अपने हाल पर बेहाल छोड़ दिया है।’’
कांग्रेस नेताओं ने कहा, ‘‘भारत आज दुनिया का ‘कोरोना कैपिटल’ बन गया है। 19 अक्टूबर, 2020 को जारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना महामारी के संक्रमण में भारत अब दुनिया में पहले स्थान पर है।’’
उन्होंने कोरोना वायरस से संबंधित कई आंकड़े पेश करते हुए दावा किया, ‘‘100 दिन में भारत में कोरोना संक्रमण एक लाख से बढ़कर 75 लाख हो गया। यह घोर नाकामी व निकम्मेपन को बयां करती है।’’
सुरजेवाला और खेड़ा ने कहा, ‘‘मोदी जी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि दवा आने तक कोरोना खत्म होने की कोई उम्मीद नहीं। समझ नहीं आता कि कितनी बार एक-दूसरे के विरोधाभासी झूठ बोलकर देश को बरगलाएंगे। देश अब कोरा संबोधन नहीं, बल्कि ठोस समाधान चाहता है।’’