रेडियो कार्यक्रम मन की बात में आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी, टीकाकरण, खेल और लेखन जैसे कई मुद्दों पर बात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, पर्व और त्योहारों के मौसम से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देशवासियों से कोविड-19 से बचाव के सभी उपायों का पालन करने का आग्रह किया और यह सुनिश्चित करने को कहा कि टीकाकरण अभियान में कोई भी पीछे न छूटे।
आकाशवाणी के मासिक ‘मन की बात’ की ताजा कड़ी में प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाला समय त्योहारों का है और पूरा देश असत्य पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम की विजय का पर्व भी मनाने वाला है लेकिन इस उत्सव में देशवासियों को एक और लड़ाई के बारे में याद रखना है तथा वह है कोरोना से लड़ाई। उन्होंने कहा, ‘‘टीम इंडिया इस लड़ाई में रोज नए रिकॉर्ड बना रही है। टीकाकरण में देश ने कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए हैं जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है और इस लड़ाई में हर भारतवासी की अहम भूमिका है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘हमें अपनी बारी आने पर टीका तो लगवाना ही है, पर इस बात का भी ध्यान रखना है कि कोई इस सुरक्षा चक्र से छूट न जाए।’’ उन्होंने लोगों से कहा कि आस-पास के जिन लोगों ने टीके नहीं लगवाए हैं, उन्हें भी टीकाकरण केंद्र तक ले जाकर टीका लगवाना सुनिश्चित करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि टीका लगने के बाद भी जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि इस लड़ाई में एक बार फिर टीम इंडिया अपना परचम लहराएगी।’’
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेखन को लेकर कहा कि लगभग 5,000 शौकिया युवा लेखक गुमनाम नायकों के योगदान पर काम कर रहे हैं और उन्होंने नागरिकों से इस काम में योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, 5,000 से अधिक शौकिया लेखक ‘गुमनाम नायकों’ के जीवन को प्रचारित करने की दिशा में काम कर रहे हैं जिन्होंने भारत के विकास और स्वतंत्रता की कहानी में योगदान दिया है। मैं ऐसे और लोगों से आगे आने और साहस की ऐसी कहानियों को हमारे साथ साझा करने का आग्रह करता हूं।
उन्होंने कहा कि हमारे देश के युवाओं ने फैसला किया है कि वे गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को सामने लाएंगे और प्रत्येक नागरिक से इसमें योगदान करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने गांधी जयंती से पहले खादी पर जोर दिया और कहा कि कृषि क्षेत्र में नई नवीन तकनीकों को अपनाया जाएगा क्योंकि यह दिन लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के साथ मेल खाता है। उन्होंने यह भी कहा, सितंबर एक महत्वपूर्ण महीना है, एक महीना जब हम विश्व नदी दिवस मनाते हैं। हमारी नदियों के योगदान को याद करने का दिन जो हमें निस्वार्थ रूप से पानी प्रदान करते हैं, मैं देश भर के लोगों से कम से कम साल में एक बार ‘नदी उत्सव’ मनाने का आग्रह करता हूं।
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें मिले उपहारों की विशेष ‘ई-नीलामी’ चल रही है और इससे होने वाली आय को ‘नमामि गंगे’ परियोजना को समर्पित किया जाएगा। मोदी ने उल्लेख किया कि कैसे लोगों की पहल ने तमिलनाडु में नागा नदी की मदद की, जो सूख गई थी। लेकिन ग्रामीण महिलाओं की पहल और सक्रिय जनभागीदारी से नदी में जान आ गई और आज भी नदी में भरपूर पानी है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पश्चिमी हिस्सों, विशेषकर गुजरात और राजस्थान में पानी की कमी है और लोग सूखे का शिकार होते हैं।
गुजरात में, बारिश के मौसम की शुरूआत में लोग ‘जल-जिलानी एकादशी’ मनाते हैं, जिसे आज हम ‘कैच द रेन’ कहते हैं।प्रधानमंत्री ने सियाचिन ग्लेशियर की यात्रा के बारे में विकलांग लोगों के एक समूह के साहस और उत्साह का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले सियाचिन के दुर्गम इलाके में 8 दिव्यांगों की टीम ने 15,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित ‘कुमार पोस्ट’ पर भारतीय झंडा लहराकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था। प्रधानमंत्री ने 350 से अधिक शिक्षकों के योगदान की सराहना की, जो गांव-गांव जाने और विकलांग बच्चों को महामारी के दौरान स्कूल में प्रवेश सुनिश्चित करने की सेवा में शामिल हुए हैं।