भारत के लिए आज का दिन अहम माना जा रहा है क्योंकि 15 अगस्त 1947 को हमारा वतन अंग्रेजों के चिंगुल से आजाद हुआ था । इस आजादी के अमृत महोत्सव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने औपचारिक तौर से स्पष्ट किया कि उनकी सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान पर जनता की प्रतिक्रिया देश की सामूहिक चेतना और उसकी ताकत के पुनर्जागरण का संकेत है, जिसकी ‘‘बड़े-बड़े समाजवादी और सामाजिक विज्ञान के विशेषज्ञ’’ भी कल्पना नहीं कर पाए।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में हमने देखा
लाल किले की प्राचीर से 76वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस सामूहिक चेतना के पुनर्जागरण ने देश को ‘‘नयी ताकत’’ दी है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में हमने देखा और एक नयी ताकत का अनुभव किया है जो सामूहिक चेतना का पुनर्जागरण है। लोगों को 10 अगस्त तक पता तक नहीं रहा होगा कि देश के भीतर ऐसी कोई ताकत भी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से देश पिछले तीन दिनों में हाथों में तिरंगा लेकर तिरंगा यात्रा पर चल पड़ा है, उसकी बड़े-बड़े समाजवादियों और सामाजिक विज्ञान के विशेषज्ञों ने कल्पना भी नहीं की होगी कि मेरे देश के भीतर कितना सामर्थ्य है लेकिन तिरंगे ने यह दिखा दिया है।’’
प्रधानमंत्री ने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर ‘हर घर तिरंगा’
जानकारी के मुताबित उन्होंने कहा कि लोग यह समझ नहीं पाए कि यह ‘‘पुनर्जागरण का पल’’ है। मोदी ने कहा कि इस सामूहिक चेतना का पुनर्जागरण देश का ‘‘सबसे बड़ा खजाना’’ है और यह ‘‘अमृत’’ की तरह है, जो आजादी के लिए वर्षों के संघर्ष से मिला है।गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को मजबूत करने का 22 जुलाई को आह्वान किया था।सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, केंद्र द्वारा यह अभियान शुरू किए जाने के बाद से ही लोग इसमें बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। लोगों को गत शुक्रवार तक 20 करोड़ से अधिक राष्ट्रीय ध्वज मुहैया कराए गए।