देश में इन दिनों जनसंख्या को लेकर लगातार विवाद बढ़ता जा रहा हैं। हर कोई इसपर अपनी अलग राय रख रहा हैं, ऐसे में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपना तर्क बढ़ती जनसँख्या पर बता दिया हैं। लेकिन, अब उनके बयान पर धीरे धीरे विवाद खड़ा हो रहा हैं।
दरअसल, संघ प्रमुख एक दीक्षांत समारोह में पहुंचे थे, जहाँ उन्होंने मनुष्य और जानवरों में तुलना कर दी, जिसपर विवाद हो रहा हैं. उन्होंने समारोह को संबोधित लरते हुए कहा कि अगर इंसान के पास दिमाग नहीं होता तो वो धरती पर सबसे कमजोर प्राणी होता, लेकिन संज्ञानात्मक आवेग मनुष्य के जीवन में आया जिसने उसे सर्वश्रेष्ट बनाया हैं। सिर्फ खाना-पीना और प्रजा बढ़ाना, ये काम तो जानवरों का भी होता हैं। `
भारत के विकास पर भी मोहन भागवत ने की बात
वही मोहन भागवत ने ये भी कहा कि सिर्फ खाना पीना हमारा लक्ष्य नहो होना चाहिए, जिंदगी के कई अन्य उद्देश्य भी होते हैं। जनसंख्या मामले पर मोहन भागवत का बयान ऐसे समय पर आया हैं, जब लगातार इसपर विवाद बढ़ता जा रहा हैं और अब संघ प्रमुख के बयान के बाद इस विवाद को और भी हवा मिल गई हैं।
हम आपको बता दें, कुछ दिन पहले यूएन के रिपोर्ट में दावा किया गया कि जल्द भारत जनसंख्या मामले में चीन को पछाड़ देने वाला हैं। इसके बाद से ही बिहार के बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने जनसंख्या कानून लाने की बात कही थी। अब देश में इसपर विवाद बढ़ता जा रहा हैं। हालांकि, अपने भाषण में भागवत ने भारत के विकास पर बात करते हुए कहा कि कुछ सालों में भारत ने काफी विकास कर लिया हैं।