आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की नई जीवनी में कहा गया है कि 2014 में भाजपा को सत्ता केवल और केवल आरएसएस की वजह से मिली और अगर भाजपा 2019 में भी जीत हासिल करती है तो वह भी आरएसएस की ही वजह से होगा।
यह जीवनी किंगशुक नाग द्वारा लिखी गई है। वह आठ पुस्तकें लिख चुके हैं, जिसमें दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी भी शामिल है।
‘मोहन भागवत : इंफ्लूएंसर इन चीफ’ नाम की किताब में दावे के साथ कहा गया है कि ‘नरेंद्र मोदी का भविष्य मोहन भागवत के हाथों में है।’
लेखक ने आरएसएस के वरिष्ठ सूत्रों के हवाले से लिखा है कि आरएसएस का ‘पुख्ता यकीन’ है कि भाजपा को सत्ता न तो मोदी की लोकप्रियता से मिली है और न ही कांग्रेसनीत संप्रग सरकार की गड़बड़ियों से।
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रूपा प्रकाशन से प्रकाशित पुस्तक में कहा गया है, बजाए इसके, यह पिछले वर्षो में आरएसएस के निरंतर किए कार्यो द्वारा बना सामाजिक बदलाव था, जिसने भाजपा के लिए माकूल माहौल तैयार किया। भागवत, मोदी को काबू में (अंडर चेक) रखने में विश्वास रखते हैं।
लेखक ने 240 पृष्ठों वालों किताब में लिखा है, हालांकि 2019 में चीजें अलग हो सकती हैं, 2014 चुनावों के लिए मोदी, भागवत की पहली पसंद नहीं थे। आरएसएस ने मोदी को बतौर भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में इसलिए पेश क्योंकि उसे एहसास हो गया था कि वह ही एकमात्र शख्स हैं जो पार्टी की जीत की ओर ले जा सकते हैं। 2014 चुनाव से पहले आरएसएस को संदेह था कि भाजपा स्पष्ट जीत हासिल करेगी लेकिन प्रदर्शन उसकी अपेक्षाओं से कहीं ज्यादा बेहतर निकला।
नाग ने कहा कि मोदी के लिए यह करो या मरो की लड़ाई थी, भागवत के लिए भी कुछ ऐसा ही था लेकिन कारण अलग अलग थे। उन्होंने कहा, मोदी के लिए यह जीत उनके राजनीतिक करियर और आकांक्षा के लिए सर्वोच्च जीत थी लेकिन भागवत के लिए हिंदू राष्ट्र की रचना के लिए यह जरूरी (लेकिन पर्याप्त नहीं) था।