भारत में आतंक मचा रही कोरोना वायरस की जानलेवा दूसरी लहर के खिलाफ कोविशील्ड और कोवैक्सीन के टीके कितने प्रभावी हैं, इसका पता लगाने के लिए अब भारत में सर्वे किया जाएगा। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) कोरोना रोधी टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सीन के प्रभाव का पता लगाने के लिए अगले सप्ताह से सर्वेक्षण शुरू करेगा। इस दौरान, कोविड संक्रमण को गंभीर रूप लेने से रोकने में टीके के प्रभावी होने की जांच की जाएगी।
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) कोविशील्ड टीके का उत्पादन क्र रही है और भारत बायोटेक कोवैक्सीन टीके का उत्पादन कर रही है। इन टीकों के जनता को लगाए जाने के बाद से यह पहली बार है जब इस तरह का सर्वेक्षण किया जाएगा। हालांकि, यह जानना जरूरी है कि कोवैक्सीन टीका जहां फाइनल ट्रायल में 81 फीसदी कारगर रहा था, वहीं कोविशील्ड वैक्सीन करीब 71 फीसदी कारगर थी।
आईसीएमआर के राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक के मुताबिक, सर्वेक्षण के दौरान 45 वर्ष से अधिक आयु वाले ऐसे करीब 4,000 लोगों की समीक्षा की जाएगी जिन्होंने दोनों टीकों में से किसी भी टीके की एक या दोनों खुराक लगवा ली हो। वैज्ञानिक ने कहा कि शोध के दौरान, हम ऐसे लोगों को लेंगे जो कि कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और अस्पताल में भर्ती हैं तथा उनके टीकाकरण की स्थिति की तुलना उन लोगों के साथ की जाएगी जो कि संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि बीमारी को गंभीर रूप लेने से रोकने में टीकाकरण कितना प्रभावी है।