कोरोना महामारी के कहर से पूरी दुनिया में हाहाकार की स्थिति है। संक्रमण की रोकथाम के लिए ज्यादातर देशों ने अपने लॉकडाउन के नियमों में सख्ती की है। लॉकडाउन के दौरान अन्य देशों में फंसे भारत के नागरिकों को सरकार ने वंदे भारत मिशन के तहत स्वदेश वापस लाने का मिशन शुरू किया था। गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने आंकड़े जारी कर बताया कि सरकार द्वारा सात मई को वंदे भारत मिशन शुरू किए जाने के बाद से विदेशों में फंसे 1.07 लाख से ज्यादा भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया गया है। मंत्रालय ने कहा कि 13 जून को दूसरा चरण पूरा होने के बाद सरकार तीसरे चरण के लिए तैयारी कर रही है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया, ‘‘इस चरण में 31 देशों से 337 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से करीब 38,000 लोगों को लाए जाने की संभावना है।’’मिशन के पहले चरण में सात मई से 15 मई तक सरकार 12 देशों से करीब 15,000 लोगों को लेकर आयी। भारतीय नागरिकों को लाने के लिए दूसरा चरण 17 से 22 मई तक था। हालांकि सरकार ने इसकी अवधि 13 जून तक बढ़ा दी।
श्रीवास्तव ने कहा कि विदेश में फंसे हुए भारतीय नागरिकों को लाने के लिए एअर इंडिया ने दूसरे चरण में 103 उड़ानों का संचालन किया। भारतीय नौसना ने भी श्रीलंका और मालदीव से भारतीय नागरिकों को लाने के लिए अभियान चलाया। उन्होंने बताया, ‘‘सात मई को वंदे भारत मिशन शुरू होने के बाद से कुल 454 उड़ानों का संचालन कर फंसे हुए भारतीय नागरिकों को लाया गया। अब तक 1,07,123 भारतीय आ चुके हैं।’’
वतन आने वालों में 17,485 प्रवासी श्रमिक, 11,511 छात्र और 8,633 पेशेवर भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल, भूटान और बांग्लादेश सीमा से 32,000 लोग आए। कुल 3,48,565 लोगों ने वापसी के लिए भारतीय मिशनों में पंजीकरण कराया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि तीसरे चरण में और क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा।