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भारत में एक दिन में सर्वाधिक मामले, ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने का केंद्र का राज्यों को निर्देश

भारत में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के अब तक के सर्वाधिक 3.14 लाख से ज्यादा मामले आने के साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,59,30,965 हो गई। दुनिया के किसी भी देश में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण का यह सर्वाधिक आंकड़ा है।

भारत में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के अब तक के सर्वाधिक 3.14 लाख से ज्यादा मामले आने के साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,59,30,965 हो गई। दुनिया के किसी भी देश में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण का यह सर्वाधिक आंकड़ा है।
दूसरी ओर, अनेक अस्पतालों के ऑक्सीजन की कमी का सामना करने के बीच केंद्र ने चिकित्सीय ऑक्सीजन का निर्बाध उत्पादन और आपूर्ति तथा निर्बाध परिवहन का राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कड़ा आदेश निर्देश दिया। 
वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में ऑक्सीजन आपूर्ति की समीक्षा करने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की और अधिकारियों से ‘प्राणवायु’ का उत्पादन बढ़ाने, इसके वितरण की गति तेज करने और स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए नए तरीके अपनाने को कहा। 
मोदी शुक्रवार को चुनाव रैलियों को संबोधित करने बंगाल नहीं जाएंगे और महामारी से संबंधित स्थिति की समीक्षा के लिए यहां उच्चस्तरीय बैठकें करेंगे। 
वह बंगाल के मतदाताओं को डिजिटल रूप से संबोधित करेंगे।
वहीं, उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि वह ऑक्सीजन की आपूर्ति तथा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं समेत अन्य मुद्दों पर “राष्ट्रीय योजना” चाहता है। 
न्यायालय ने टिप्पणी की कि वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन को एक ‘आवश्यक हिस्सा’ कहा जाता है और ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ हद तक ‘घबराहट’ पैदा हुई जिसके कारण लोगों ने कई उच्च न्यायालयों से संपर्क किया है। 
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस आर भट की तीन सदस्यीय पीठ ने गंभीर स्थिति का स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि वह देश में कोविड-19 टीकाकरण के तौर-तरीके से जुड़े मुद्दे पर भी विचार करेगी। 
इसके साथ ही दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 संबंधी स्थिति ‘‘गंभीर’’ हो गई है और कई अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म हो रही है। 
इसने केंद्र को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि शहर को आवंटन आदेश के अनुरूप निर्बाध रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो। 
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा, ‘‘हम सब जानते हैं कि इस देश को भगवान चला रहे हैं।’’ 
पीठ का मत था कि प्राणवायु (ऑक्सीजन) के परिवहन में आने वाली हर बाधा को हटाया जाना चाहिए। 
इसने कहा कि सरकार यदि चाहे तो वह कुछ भी कर सकती है, यहां तक कि ‘‘आकाश और जमीन को भी एक कर सकती है।’’ 
अदालत ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जारी आदेश के दायरे में आने वाले सभी संबंधित अधिकारी केंद्र के इस आदेश का कड़ा अनुपालन सुनिश्चित करें कि चिकित्सीय ऑक्सीजन सहित व्यक्तियों तथा सामान के अंतरराज्यीय और राज्य के भीतर आवगमन पर कोई रोक नहीं होगी। 
अदालत ने स्पष्ट किया कि आदेश का पालन न करने को गंभीरता से लिया जाएगा क्योंकि इसका परिणाम बड़े स्तर पर जनहानि के रूप में निकलेगा। 
इसने कहा कि आदेश का अनुपालन न करने पर आपराधिक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। 
इस बीच, केन्द्र ने आज राज्यों को निर्देश दिया कि वे चिकित्सकीय ऑक्सीजन का निर्बाध उत्पादन-आपूर्ति और उसका अंतरराज्यीय परिवहन सुनिश्चित करें। 
मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस आदेश की अवहेलना होने पर संबंधित जिले के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक जवाबदेह होंगे। 
कोविड-19 मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण ऑक्सीजन की मांग में वृद्धि के बाद कुछ राज्यों द्वारा अन्य राज्यों को चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित किए जाने की खबरों की पृष्ठभूमि में केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कठोर आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के तहत यह आदेश जारी किया। 
आदेश का उल्लंघन करने वालों को एक साल तक कैद, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। 
भल्ला ने कहा कि कोविड-19 के मध्यम और गंभीर लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए चिकित्सकीय ऑक्सीजन की पर्याप्त और निर्बाध उपलब्धता महत्वपूर्ण है और संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति बनाए रखना आवश्यक है। 
गृह सचिव ने कहा, ‘‘इसलिए, कोविड-19 मरीजों के प्रबंधन हेतु देश भर में चिकित्सकीय ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, आपदा प्रबंधन कानून के तहत प्राप्त अधिकारों का उपयोग करते हुए, राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के अध्यक्ष की हैसियत से अधोहस्ताक्षरी, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को अपने अधिकार क्षेत्र में निम्न निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश देता है।’’ 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 3,14,835 मामले आए जबकि 2104 और मरीजों की मौत हो जाने से अब तक इस महामारी की वजह से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 1,84,657 हो गई है। 
लगातार 43 वें दिन उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी बढ़ी है और यह 22,91,428 हो गई है जो कि संक्रमण के कुल मामलों का 14.38 प्रतिशत है। देश में कोविड-19 से ठीक होने की दर 84.46 प्रतिशत हो गयी है। 
संक्रमण से ठीक हुए लोगों की संख्या 1,34,54,880 हो गई है। मृत्यु दर 1.16 प्रतिशत है। 
दिल्ली में अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या कम होने के बीच गृह मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन युक्त 500 बिस्तरों वाला एक कोविड देखरेख केंद्र शुरू किया जाएगा जिसका संचालन आईटीबीपी के डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी करेंगे। 
दिल्ली के अनेक अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ओडिशा से हवाई मार्ग से ऑक्सीजन मंगाने के प्रयास कर रही है। 
केजरीवाल ने दिल्ली में कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए राजधानी का ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार और दिल्ली उच्च न्यायालय का शुक्रिया अदा किया और कहा कि आपूर्ति राष्ट्रीय राजधानी में पहुंचने लगी है। 
कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में एक दिन में संक्रमण के अब तक के सर्वाधिक मामले सामने आए। इस बीच, महाराष्ट्र में वायरस के प्रसार की कड़ी को तोड़ने के लिए आज रात से नए प्रतिबंध लागू हो गए।

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