लुधियाना-जगराओं : आखिर 17 साल के लंबे अर्से के बाद जस्सी-मिटठू प्रेम कहानी में नया मोड़ आ गया है जबकि इस मामले में जस्सी की हत्या के आरोप में पंजाब पुलिस ने कैनेडा में आरोपी मां व मामा को गिरफ्तार कर लिया। कैनेडा सरकार द्वारा मंजूरी देने के बाद पंजाब पुलिस की तीन सदस्यीय टीम कंवरदीप कौर, डीएसपी आकाशदीप औलख व इंस्पेक्टर दविंदर पाल सिंह की अगुवाई में सात समुद्र पार कैनेडा गई हुई थी।
जिन्होंने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस टीम के साथ दोषी जस्सी की माता मलकीत कौर और मामा सुरजीत सिंह बदेशा भारत में 22 सितंबर को पहुंचने की उम्मीद है। जिसके बाद इन्हें शुक्रवार को संगरूर अदालत में पेश किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जस्सी व मिटठू पर सुपारी के तहत 8 जून 2000 को मालेरकोटला के नजदीक जस्सी की मां और मामा द्वारा तैनात ठेके के कातिलों द्वारा हमला किया गया था, जिसमें जस्सी की मौत हेा गई थी और सुखविंद्र सिंह मिटठू बच निकला था। ब्रिटिश कोलिम्बिया ने 17 साल बाद इस माह की शुरूआत में सुपुर्ददारी के हुकम देने के बाद यह सब संभव हो सका।
जानकारी के मुताबिक कनाडियन पालनपोषण के दौरान भारतीय मूल की जस्सी जो मैपल रिज ब्रिटिश कोलमिबया कनाडा में रहती थी जब वह अपने जगराओं वासी मामा सुरजीत को अपनी मां मलकीत कौर के साथ मिलने आई थी तो जस्सी को आटो ड्राइवर सुखविंद्र सिंह मिटठू के साथ प्यार हो गया था। जस्सी के माता-पिता ने इस संबंध को नामंजूर कर दिया परंतु किसी की परवाह किए बिना जस्सी ने मार्च 2000 में मिटठू के साथ अपने परिवार की इच्छाओं के विरूद्ध जाकर शादी कर ली और दोनों 8 जून 2000 तक अलग-अलग स्थानों पर घूमते रहें। जबकि जस्सी की मां ने ठेके के कातिलों को कारवाई को अंजाम देने के लिए लगा रखा था और आखिर मालेरकोटला के नजदीक उन्हें मौकेा मिला जिसमें जस्सी की मौत हो गई।
इस बारे जस्सी ने बातचीत में कहा कि 17 साल का लंबा इंतजार और इंसाफ की जंग, एक-एक पल आज भी मुझे याद है। जब मेरी जस्सी व मुझे अगवा करके बुरी तरह मारा पीटा। और मुझे सडक पर मरा हुआ समझ फैंक दिया और मेरी बीवी जस्सी को भी कत्ल कर दिया। पहले बीवी को मारा और इंसाफ की मांग के दौरान एक-एक करके पांच झूठे केस डाल दिये गए। फिर भी नहीं टूटा तो करोडों रूपये के लालच दिये लेकिन मेरी जिंदगी का मकसद अब मेरी पत्नि के हत्यारों को सलाखों के पीछे देखना है। और इतने लंबे वर्षों के इंतजार व जद्दौजहद के बाद अब इंसाफ की उममीद नजर आने लगी है। कनाडा की सुप्रीम कोर्ट द्वारा जस्सी की मां और मामा को भारत के हवाले कर देने की हरी झंडी मिलने पंजाब पुलिस द्वारा गिराफतार करने उपरांत प्रतिक्रिया देते हुए मिटठू ने कहा कि वह बहुत बेसब्री से इस वक्त का इंतजार कर रहा था कि कब उसकी प्रेमिका और पत्नी बनी जस्सी को कत्ल करवाएं जाने की सजा उक्त दोषियों को मिले।
जसविंद्र कौर जस्सी के कत्ल ( ऑनर किलिंग ) केस का सामना कर रहे कैनेडा में रह रहे जस्सी की मां मलकीत कौर और उसके चाचा सुरजीत सिंह को कैनेडा की सुप्रीम कोर्ट ने भारत में चल रहे केस का सामना करने के निर्देश दिए जाने पर एक बार फिर से यह मामला सुर्खियों में छा गया था। इस संबध में मिटठू से बात की गई तो उसने कहा कि आखर इंसाफ की जीत होने जा रही है। जस्सी की मां मलकीत कौर और चाचा सुरजीत सिंह पर जो फैसला कनाडा की सुप्रीम कोर्ट ने दिया है उस से वह पूरी तरह से संंतुष्ट है।
जांच अधिकारी एसपी सवरन सिंह ने कहा कि जस्सी-मिटठू चर्चित केस में नामकाद अनिल कुमार, अशवनी कुमार और इंस्पेक्टर जोगिंद्र सिंह को पहले अदालत उमर कैद की सजा सुना चुकी है। जिसे वह भुगत रहे हैं। अब जस्सी की मां मलकीत कौर और उसका चाचा सुरजीत सिंह पर ट्रायल चलना बाकी था। अब कनाडा की सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस मामले में भारत सरकार के हवाले करने के आदेश दे दिए हैं। जिन्हें अब गिरफतार कर लिया गया है। इन दोनों को भारत लाकर संगरुर अदालत में इस संबधी चल रहे केस में इन पर ट्रायल चलाया जाएगा। जो भी अदालत का फैसला होगा वह बाद की बात है।
यह है पूरा मामला
कैनेडा की रहने वाली जसविंद्र कौर उर्फ जस्सी जो कि जगराओं के नकादीक अपने नानके गांव काउंके कलां में आई तो उसका प्रेम गरीब परिवार के सुखविंद्र सिंह उर्फ मिटठू के साथ हो गया। दोनों ने परिवार की मरजी के खिलाफ जाकर 15 मार्च 1999 में शादी कर ली तो उसके परिवार में बबाल मच गया। वह उसे बहला फुसलाकर अपने साथ कैनेडा लेजाने में सफल हो गए तो वहां से जस्सी कनाडा की रायल मांउटेड पुलिस की सहायता लेकर मई 2000 में भारत मिटठू के पास लौट आई। यह बात उसके परिवार को मंजूर नहीं थी। जिसके चलते योजना तहित 8 मई 2000 को जस्सी-मिटठू पर जानलेवा हमला कर दिया गया।
उस हमले में जस्सी की मौत हो गई। जिसका शव अगले दिन नहर के किनारे मिला था और मिटठू बुरी तरह से घायल हो गया था। इस मामले में नामकाद जस्सी की मां मलकीत कौर और चाचा सुरजीत सिंह कैनेडा चले गए थे। वर्ष 2014 में भारत सरकार के आग्राह पर कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया के जज पीटर मैके ने जस्सी की मां मलकीत कौर और चाचा सुरजीत सिंह को प्रत्यार्पण के लिए निर्देष दिए थे लेकिन दोनों ने अपनी उम्र व सेहत का हवाला देते हुए इन आदेषों को रद्द करने की अपील की थी। जिसे कोर्ट ने नामंजूर कर दिया है।
– सुनीलराय कामरेड