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भारत बंद के कारण इतनी ट्रेनों की आवाजाही हुई प्रभावित, रेलवे ने दी जानकारी

केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न किसान यूनियन द्वारा आहूत भारत बंद के कारण सोमवार को करीब 25 ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई।

देश के किसानों के पिछले दस महीने से चले आ रहे विरोध-प्रदर्शन ने सोमवार को बड़ा आकार लेते हुए पूरे देश में प्रभाव डालने की पुरजोर कोशिश जारी है। केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न किसान यूनियन द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ के कारण सोमवार को करीब 25 ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई। उत्तर रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘दिल्ली, अंबाला और फिरोजपुर संभागों में 20 से अधिक स्थानों पर जाम हैं। इसके कारण करीब 25 ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है।’’
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली-अमृतसर शान-ए-पंजाब, नई दिल्ली-मोगा एक्सप्रेस, नई दिल्ली से कटरा जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस और अमृतसर शताब्दी आदि प्रभावित ट्रेनों में शामिल हैं। किसान संगठनों ने तीन कृषि कानूनों के पारित होने के एक साल पूरा होने पर सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया है। बंद सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक प्रभावी रहेगा।
उधर, दूसरी तरफ, केंद्र सकरार द्वारा लाये गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों की ओर से बुलाए भारत बंद के बीच ‘कैट’ ने दावा किया कि, दिल्ली सहित देश भर के बाजारों में कोई असर नहीं हुआ तथा दिल्ली सहित सारे बाजार पूरी तरह खुले रहें और बाजारों में कारोबारी गतिविधियां सामान्य रूप से चलीं।
कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने किसान नेताओं को सलाह दी है की वो संघर्ष का रास्ता छोड़कर सरकार से बातचीत के रास्ते तलाशें। खंडेलवाल ने आगे कहा, भारत बंद को लेकर किसी भी किसान संगठन ने न तो हमसे संपर्क किया एवं न ही व्यापारियों द्वारा किसानों के मुद्दे पर व्यापार बंद करने का कोई मन है। अड़ियल रूख से किसी भी समस्या का समाधान संभव नहीं है। यह सत्य है की किसान आंदोलन अब अप्रासंगिक हो गया है और इसके कथित रूप से लम्बे चलने से देश के किसानों का बड़ा नुक्सान हो रहा है।
हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार, भारत बंद में श्रमिक संघों, ट्रेड यूनियनों, कर्मचारियों और छात्र संघों, महिला संगठनों और ट्रांसपोर्टरों के संघों को शामिल किया गया है। दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि, पिछले वर्ष 27 सितंबर को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 3 किसान विरोधी काले कानूनों को सहमति दी थी और लागू किया था। वहीं सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक शांतिपूर्ण बंद की बात कही है और सभी लोगों से इस बंद का समर्थन करने का भी आग्रह किया है।
हालांकि किसानों के मुताबिक इस दौरान सभी जरूरी सेवाएं पूर्ण रूप से चालू रहेंगी। किसानों ने इस भारत बंद को लेकर कई रूट डाइवर्ट किये गए है ताकि आम लोगों को कोई समस्या न हो। दरअसल किसानों के इस समर्थन में तमाम राजनीतिक पार्टियों ने भी अपना समर्थन दिया है। अब तक इनमें वामपंथी दलों जैसे माकपा, भाकपा, फारवर्ड ब्लॉक, समाजवादी पार्टी, भाकपा माले (लिबरेशन), भाकपा माले न्यू डेमोक्रेसी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, आप, सपा, तेदेपा, जनता दल सेक्युलर, बसपा आदि पार्टी शामिल है।

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