लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

न्यायपालिका की स्थिति पर बोले सांसद कपिल सिब्बल – मेरा सिर शर्म से झुक जाता हैं

राज्यसभा के सदस्य और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने न्यायपालिका की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए रविवार को कहा कि संस्था के कुछ सदस्यों ने ‘‘हमें निराश किया है’’ और हाल फिलहाल में जो कुछ हुआ है उससे ‘‘मेरा सिर शर्म से झुक जाता है।’’

राज्यसभा के सदस्य और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने न्यायपालिका की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए रविवार को कहा कि संस्था के कुछ सदस्यों ने ‘‘हमें निराश किया है’’ और हाल फिलहाल में जो कुछ हुआ है उससे ‘‘मेरा सिर शर्म से झुक जाता है।’’
भाजपा पर जमकर बरसे , कहा-  संस्थानों का ‘‘गला घोंटकर असल में आपातकाल’’ लागू कर दिया गया हैं
सिब्बल ने एक समाचार एजेंसी  को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि हालिया वर्षों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और उच्चतम न्यायालय द्वारा जिस प्रकार इसकी व्याख्या की गई है, उसे दुर्भाग्य से वह जगह नहीं मिली है, जो इसके लिए संवैधानिक रूप से अनुमत है। उन्होंने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि संस्थानों का ‘‘गला घोंटकर असल में आपातकाल’’ लागू कर दिया गया है और कानून के शासन का दैनिक आधार पर ‘‘उल्लंघन’’ किया जा रहा है।
सरकार ‘‘कांग्रेस मुक्त भारत’’ नहीं बल्कि ‘‘विपक्ष मुक्त भारत’’ चाहती हैं 
सिब्बल ने कहा कि मौजूदा सरकार केवल ‘‘कांग्रेस मुक्त भारत’’ नहीं बल्कि ‘‘विपक्ष मुक्त भारत’’ चाहती है। एक निजी समाचार चैनल के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कि इससे अधिक चिंताजनक मुद्दा यह है कि न्यायपालिका के कुछ सदस्यों ने ‘‘हमें निराश किया’’ है।
कानून के शासन के लिए बनाए गयी संस्था खुली आंखे के सामने कानून के उल्लंघन की अनुमति देती हैं 
सिब्बल ने ब्रिटेन से फोन पर समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं जिस संस्था (न्यायपालिका) का 50 साल से हिस्सा हूं, उसके कुछ सदस्यों ने हमें निराश किया है। जो हुआ है, उससे मेरा सिर शर्म से झुक गया है। न्यायपालिका जब कानून के शासन के सामने हो रहे उल्लंघन को लेकर आंखें मूंद लेती है, तो हैरानी होती है कि कानून के शासन की रक्षा के लिए बनाई गई संस्था खुली आंखों से कानून के शासन के उल्लंघन की अनुमति क्यों देती है।’’
जुबैर की गिरफ्तारी पर बोले समझ से परे हैं गिरफ्तारी 
उन्होंने निजी समाचार के सह-संस्थापक जुबैर की गिरफ्तारी और दिल्ली की एक अदालत द्वारा उनकी जमानत मंजूर नहीं किए जाने पर कहा कि चार साल पहले किए ऐसे ट्वीट के लिए व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाना ‘‘समझ से परे है’’ जिसका कोई साम्प्रदायिक प्रभाव नहीं हुआ।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

fourteen + six =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।