केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत पंजाब-हरियाणा के किसानों को राजधानी में प्रवेश की अनुमति मिल चुकी है। किसानों के आंदोलन को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगा रही है।वहीं केंद्रीय मंत्री ने मोदी सरकार को किसानों का हितेषी बताते हुए कांग्रेस पर हमला बोला है।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, नरेंद्र मोदी की सरकार किसानों के हित के लिए समर्पित है, समर्पित थी, समर्पित रहेगी। अगर किसानों को कुछ भी भ्रम है तो सरकार के दरवाजें बातचीत के लिए हमेशा खुले हैं, हमने कांग्रेस की तरह नो एंट्री बोर्ड नहीं लगाया है।
केंद्र सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली में दाखिल होने और बुराड़ी मैदान में प्रदर्शन करने की मंजरी दे दी है। पुलिस का कहना है कि किसान वहां इकट्ठा होकर प्रदर्शन कर सकते हैं। केंद्र ने पंजाब के कई किसान संगठनों को बातचीत करने के लिए तीन दिसंबर को बुलाया भी है।
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किसानों को सिंधु बॉर्डर पार करने की इजाजत मिलने की खबर से पहले वहां पर जमकर बवाल शुरू हो गया। किसानों की ओर से पथराव किया गया और बैरिकेड तोड़े गए। जवाब में पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया है और आंसू गैस के गोले भी दागे।
कांग्रेस नेताओं ने पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि किसान पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से दिल्ली आकर अपनी आवाज बुलंद करना चाहते थे लेकिन सरकार ने उसे कुचलने का प्रयास किया है और उनको दिल्ली आने से रोका है।