लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड : पीड़िताओं की तस्वीर दिखाने पर सख्त हुआ SC , केंद्र-बिहार सरकार से मांगा जवाब

उच्चतम न्यायालय ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में राज्य वित्त पोषित एक एनजीओ द्वारा संचालित एक आश्रय गृह में बलात्कार और यौन शोषण की कथित पीड़िताओं

उच्चतम न्यायालय ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में राज्य वित्त पोषित एक एनजीओ द्वारा संचालित एक आश्रय गृह में बलात्कार और यौन शोषण की कथित पीड़िताओं की तस्वीरों को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारित करने पर आज रोक लगा दी और कहा कि उन्हें (पीड़िताओं) बार-बार अपने अपमान को दोहराने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

शीर्ष अदालत ने इस प्रतिबंध में मीडिया से भी कहा कि पीड़िताओं का साक्षात्कार नहीं ले। सरकार से सहायता प्राप्त गैर सरकारी संगठन द्वारा संचालित आश्रय गृह में कथित यौन शोषण के खिलाफ बिहार में वामदलों ने राज्य-व्यापी बंद न्यायालय ने यह आदेश दिया।

मुजफ्फरपुर बालिका गृह केस : वामपंथी दलों ने किया बिहार बंद, सुरक्षाकर्मियों से झड़प, ट्रेनें रोकीं

न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने पटना से रणविजय कुमार नामक एक व्यक्ति का एक पत्र मिलने के बाद इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया और आश्रय गृह में कथित यौन शोषण की शिकार लड़कियों का मीडिया द्वारा बार-बार साक्षात्कार लिये जाने पर चिंता जताई।

पीठ ने बिहार सरकार और केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किये और कथित पीड़िताओं की तस्वीरों का रूप बदलकर भी इन्हें इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारित करने पर रोक लगाई।

न्यायालय ने मीडिया को कथित यौन शोषित पीड़िताओं का साक्षात्कार नहीं करने का निर्देश दिया और कहा कि उन्हें बार-बार अपने अपमान को दोहराने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

राजस्थान : झालावाड़ में ‌‌मासूम से फिर द‌रिंदगी, 7 साल की बच्ची से रेप के बाद हत्या

शीर्ष अदालत ने कहा कि जांच एजेंसी पीड़िताओं से पूछताछ के दौरान पेशेवर काउंसिलर और योग्य बाल मनोचिकित्सकों की मदद लेगी। सीबीआई को आश्रय गृह में फॉरेंसिक जांच करने के निर्देश दिये गये हैं। मामले की अगली सुनवाई सात अगस्त को होगी।

राज्य वित्त पोषित एनजीओ के प्रमुख ब्रजेश ठाकुर द्वारा चलाये जाने वाले एक केन्द्र पर 30 से अधिक लड़कियों के साथ कथित रूप से बलात्कार किया गया।

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस), मुम्बई द्वारा अप्रैल में राज्य के समाज कल्याण विभाग को सौंपी गई एक ऑडिट रिपोर्ट में लड़कियों के कथित यौन शोषण के बारे में बताया गया था। गत 31 मई को ठाकुर समेत 11 लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अब इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।

चिकित्सा परीक्षण में 42 में से 34 लड़कियों के यौन शोषण की पुष्टि हुई है जबकि दो अन्य की स्थिति अब तक ठीक नहीं है और उनकी चिकित्सा जांच होनी है।

6 साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म के मामले में मानसा की अदालत ने आरोपी के खिलाफ सुनाई फांसी की सजा

टीआईएसएस की ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि आश्रय गृह में कई लड़कियों ने यौन शोषण की शिकायत की थी। इन शिकायतों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया था। मुजफ्फरपुर में एनजीओ द्वारा संचालित आश्रय गृह को काली सूची में डाला गया है और लड़कियों को पटना तथा मधुबनी के आश्रय गृहों में स्थानांतरित किया गया है।

आश्रय गृह की महिला स्टॉफ सदस्य और ठाकुर उन लोगों में शामिल थे जिन्हें मामले में स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × five =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।