रायपुर: समाज कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए छत्तीसगढ़ फिर सम्मानित होगा। अगले माह खुद राष्ट्रपति छत्तीसगढ़ को सर्वोचच सम्मान देंगे। समाज कल्याण के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ को अव्वल माना गया है। सूत्रों के मुताबिक अविभाजित मध्य प्रदेश से लेकर राज्य गठन के बाद छत्तीसगढ़ के इतिहास में राज्य को पहले यह सम्मान नहीं मिला था।
बीते तीन वर्षों में दिव्यांगों के लिए सरकार की योजनाओं और कामकाज का बेहतर क्रियान्वयन हो पाया है। दिव्यांगों के उत्थान और उन्हें मुख्यधारा की प्रतिस्पर्धा में लाने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं संचालित की गई। इन योजनाओं में सरकार को सफलता भी मिली। छत्तीसगढ़ में बीते साल दिव्यांगजनों के लिए नया कानून आने के बाद से ही योजनाओं की गति तेजी से आगे बढ़ी।
इस मामले में छत्तीसगढ़ ने अब बाजी मारी है। समाज कल्याण विभाग के तत्कालीन कमिश्नर सोनमणी बोरा ने अपने कार्यकाल में दिव्यांगजनों के लिए कौशल उन्नयन योजना की शुरूआत की। राज्य में दिव्यांगों के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं में नए प्रावधान भी किए गए। इसके बाद दिव्यांगजन भी प्रतिस्पर्धा में आगे निकलते नजर आ रहे हैं। इसे भी सरकार की मुख्य उपलब्धियों में जोड़ा जा रहा है।
दिव्यांगों के लिए योजनाएं फिलहाल देश में केवल छत्तीसगढ़ में ही चल रही हैं। राज्य सरकार ने दिव्यांगों के लिए राजधानी में ही एक नया महाविद्यालय भी स्थापित किया है। इसमें भी बड़ी तादाद में दिव्यांग लाभान्वित हो रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी दिव्यांगों को सरकारी सुविधाएं देने की पहल हुई। इनमें दस हजार रूपए तक किराया देने का भी प्रावधान किया गया है। इसमें पांच से अधिक दिव्यांग मिलकर देश के किसी भी राज्य में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करें तो उनके आवास के लिए सरकार ने दस हजार रूपए तक देने का प्रावधान कर लाभन्वित किया है।