नड्डा ने कहा कि वे आजाद भारत के उन नेताओं में से एक रहे जिन्होंने देश की एकता और अखंडता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया। उनका संपूर्ण जीवन उपलब्धियों के साथ साथ त्याग से भी भरा हुआ था। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी अपने आप को पद के साथ नहीं जोड़ा, बल्कि उन्होंने हमेशा विचार के साथ अपने आप को जोड़ा। वो बंगाल विधानसभा के सदस्य रहे, उन्होंने वो पद छोड़ा। वो भारत की प्रथम कैबिनेट के सदस्य थे, वह पद भी उन्होंने विचार के लिए छोड़ा और भारतीय जनसंघ की स्थापना की।