उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने शनिवार को राज्यसभा दिवस के अवसर पर सांसद सदस्यों से सदन की गरिमा के अनुकूल आचरण करने का आह्वान करते हुए कहा है कि यह सदन राष्ट्रीय हित और जनकल्याण के अनेक मुद्दों का साक्षी रहा है।
नायडू ने जारी एक संदेश में कहा कि सदन ने अपनी गंभीर विचार विमर्श के जरिए राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया है। सभापति ने कहा कि आज तीन अप्रैल के दिन ही 1952 में भारतीय संसद के उच्च सदन, राज्य सभा का गठन हुआ था। तब से यह सदन राष्ट्रीय हित और जन कल्याण के विषयों पर अनेक सार्थक विमर्श का साक्षी रहा है, अपने प्रबुद्ध विमर्श से राष्ट्र की प्रगति में योगदान करता रहा है।
उन्होंने कहा कि काउंसिल ऑफ स्टेट्स के रूप में यह सदन देश की लोकतांत्रिक मर्यादाओं को दृढ़ता प्रदान करता रहा है और देश के संघीय ढांचे को प्रतिबिंबित करता है। नायडू ने कहा, ‘‘आज के इस सुअवसर पर राज्य सभा के सभी माननीय सदस्यों से आग्रह करता हूँ कि वे वरिष्ठों के इस सदन की प्रतिष्ठा के अनुरूप, विमर्श में अपना सकारात्मक योगदान दें।’’