देश की धरोहर, दुनिया का 7वां अजूबा और प्रेम का प्रतीक माने जाने वाले ताजमहल में सुप्रीम कोर्ट और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) की रोक के बावजूद मुस्लिमों ने नमाज पढ़ी गई। हालांकि ‘वजू टैंक’ में रोज की तरह ताला ही लगा रहा और नमाजियों ने नमाज पढ़ने से पहले पीने के पानी से खुद को साफ किया। वहीं ताजमहल में नमाज़ पड़ने के बाद अब बजरंग दल ने ऐलान किया है कि वह भी ताजमहल परिसर में पूजा-पाठ करेगा।
दरअसल, कुछ मुस्लिम टूर-टिकट लेकर ताज परिसर में दाखिल हुए और फिर अंदर नमाज के लिए बैठ गए। इस दौरान उन्हें एएसआई अधिकारियों ने रोका-टोका भी, लेकिन वे नहीं माने। अब सोशल साइट्स पर ताज के अंदर नमाज पढ़े जाने का वीडियो वायरल हो रहा है। जानकारी के मुताबिक टीएमआईसी अध्यक्ष सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी ने कहा कि एएसआई के लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन उन लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सीनियर अधिकारियों को बुलाने की मांग की।
कई दशकों से इमाम सैयद सादिक अली का परिवार ताजमहल के अंदर स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ाता है। इसके लिए वह महज 15 रुपये प्रति माह का मेहनताना लेते हैं। इमाम सैयद सादिक अली ने कहा, ‘हम 400 सालों से चली आ रही इस परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। कोई भी विभाग या कानून हमें नमाज पढ़ने से नहीं रोक सकता, क्योंकि यह हमारा संवैधानिक अधिकार है।’
गौरतलब है की ताजमहल के अंदर स्थित शाही मस्जिद में नमाज पढ़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने 19 जुलाई 2018 को रोक लगाई थी। तब आदेश दिया था कि सिर्फ शुक्रवार को ताजमहल मस्जिद में नमाज अदा हो सकती है। बाद में एसएसआई ने शुक्रवार वाली नमाज भी रोक दी थी। बावजूद इसके मंगलवार को कुछ लोग ताजमहल पहुंच गए, जिनमें से आधा दर्जन लोगों ने नमाज अदा की।
बता दें कि शुक्रवार को ताजमहल बंद रहता है, लेकिन नमाजियों के लिए दोपहर में 2 घंटे के लिए इसे खोल देना पड़ा। वीडियो वायरल होने के बाद सीआईएसएफ से जवाब मांगा गया तो उसका कहना था कि उनके पास ऐसा कोई आदेश नहीं आया है कि मुसलमान यहां सिर्फ शुक्रवार को ही नमाज पढ़ें। अगर कोई टिकट लेकर घुसता है तो उसे कैसे रोकें? वह टूरिस्ट बनकर आया हो।