पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून की रात चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय सेना के जवानों के नाम राष्ट्रीय समर स्मारक पर अंकित किए जाएंगे। हालांकि इस प्रकिया में कुछ महीनो का समय लगेगा। अधिकारियों ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि स्मारक पर सैन्य कर्मियों के नामों को उकेरे जाने की प्रक्रिया में कुछ महीने लगेंगे। पिछले पांच दशकों में हुए सबसे बड़े सैन्य टकराव में 15 जून की रात गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। झड़प में 16 वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अधिकारी कर्नल बी संतोष बाबू समेत अन्य सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे।
इस घटना के बाद पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव बढ़ गया और भारत ने इसे ‘‘चीन द्वारा सोची-समझी और पूर्वनियोजित कार्रवाई’’ बताया था। गलवान घाटी में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के पास चीन द्वारा निगरानी चौकी बनाए जाने पर विरोध के बाद चीनी सैनिकों ने पत्थरों, नुकीले हथियारों, लोहे की छड़ों आदि से भारतीय सैनिकों पर नृशंस हमला किया।
चीन ने झड़प में हताहत हुए अपने सैनिकों की संख्या के बारे में नहीं बताया था। हालांकि, अमेरिकी की एक खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीनी पक्ष के 35 सैनिक हताहत हुए। चीन द्वारा की गई इस गुस्ताखी का भारत में बहुत विरोध हुआ। इस घटना के बाढ़ से भारत में चीन के बहिष्कार की मांग तेज हो गई। केंद्र सरकार की ओर से चीन को कई आर्थिक झटके दिए जा चुके है।