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एशिया के सबसे बड़े दानवीरों की लिस्ट में गौतम अडानी समेत तीन भारतीयों के नाम हुए शामिल

फोर्ब्स की एशिया की परमार्थ कार्य करने वाले नायकों की सूची में भारत के अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी, शिव नादर और अशोक सूता के साथ-साथ मलेशियाई-भारतीय कारोबारी ब्रह्मल वासुदेवन और उनकी अधिवक्ता पत्नी शांति कंडिया को शामिल किया गया है।

भारतीय अरबपति गौतम अडानी, शिव नाडर और अशोक सूता (Gautam Adani, Shiv Nadar and Ashok Soota) फोर्ब्स की सूची के अनुसार एशिया के सबसे बड़े दानवीर हैं।इस लिस्ट में मलेशियाई-भारतीय व्यवसायी ब्रह्मल वासुदेवन और उनकी पत्नी शांति कंडिया का नाम भी शामिल है। एशिया के परमार्थ नायकों की सूची का 16वां संस्करण मंगलवार को यहां जारी किया गया।
भारत के परोपकारी कार्य करने वाले व्यक्ति बने  
फोर्ब्स ने बयान में कहा कि बिना किसी रैंकिंग वाली इस सूची में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अग्रणी परोपकारी कार्य करने वाले लोगों को शामिल किया जाता है।अडाणी ने इस साल जून में 60 साल की उम्र पूरी होने पर 60,000 करोड़ रुपये (7.7 अरब डॉलर) परमार्थ कार्यों पर खर्च करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके बाद उन्हें इस सूची में शामिल किया गया है। इसके साथ ही वह भारत के प्रमुख परोपकारी कार्य करने वाले व्यक्ति बन गए हैं।
एचसीएल टेक्नोलॉजीज की सह-स्थापना की थी
इस साल उन्होंने फाउंडेशन को 11,600 करोड़ रुपये (14.2 करोड़ डॉलर) का दान दिया है। इस फाउंडेशन की स्थापना 1994 में हुई थी। नादर ने एचसीएल टेक्नोलॉजीज की सह-स्थापना की थी। उन्होंने फाउंडेशन की मदद से कई शैक्षणिक संस्थानों मसलन स्कूलों और विश्वविद्यालयों की स्थापना की है।प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गज अशोक सूता ने चिकित्सा अनुसंधान क्षेत्र के न्यास को 600 करोड़ रुपये (7.5 करोड़ डॉलर) देने की प्रतिबद्धता जताई है। इस न्यास का गठन उन्होंने 2021 में किया था।
 भारत में स्थानीय समुदायों को समर्थन देते हैं
क्वालालंपुर की निजी इक्विटी कंपनी क्रिएडर के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मलेशियाई-भारतीय ब्रह्मल वासुदेवन और उनकी अधिवक्ता पत्नी शांति कंडिया क्रिएडर फाउंडेशन की मदद से मलेशिया और भारत में स्थानीय समुदायों को समर्थन देते हैं। यह एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसकी सह-स्थापना 2018 में की गई थी।
इस साल मई में उन्होंने एक शिक्षण अस्पताल के निर्माण के लिए पांच करोड़ मलेशियाई रिंगिट (1.1 करोड़ डॉलर) देने की प्रतिबद्धता जताई है। वासुदेवन ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि और लोग भी हमारे साथ इस काम में आगे आ रहे हैं। अब इस परियोजना के लिए पूरा वित्तपोषण मिल गया है।’’

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