पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावती रुख एक बार फिर तेज है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ‘बदलने’ की मांग ने जोर पकड़ लिया है और कांग्रेस के 34 ‘नाराज’ विधायकों, जिनमें चार कैबिनेट मंत्री शामिल हैं। वहीं पंजाब कांग्रेस में चल रही अंदरूनी कलह को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि पार्टी नेतृत्व खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारता है।
केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि “इनका जिस तरह से बंटाधार हो रहा है ये खुद उसके लिए ज़िम्मेदार है। जब उनका नेतृत्व ही खुद कुल्हाड़ी लेकर घूम रहा हो और जहां मौका मिले वहीं अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार देता हो तो उसपर हम क्या कर सकते हैं।”
वहीं इससे पहले नकवी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस खुद ऐसी ‘नॉन-परफार्मिंग एसेट’ है जिसका ना बाहर कहीं भाव है ना अंदर वाले इसका कोई मोल लगा रहे हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ कांग्रेस ‘कन्फ्यूजन और कंट्राडिक्शन का चैंपियन’ बनने में लगी है। एक तरफ मोदी सरकार और भाजपा देश के निर्माण में लगे हैं, वही कांग्रेस देश में ‘डिस्ट्रक्शन की डुगडुगी’ पीट रही है।’’ नकवी ने तंज कसते हुए कहा, ‘‘बवंडर की बाहुबली कांग्रेस के हालत पर इतना ही कहा जा सकता है, ‘गुड लक एंड गेट वेल सून’।’’
गौरतलब है कि पंजाब के मंत्रियों-तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा और चरणजीत सिंह चन्नी के अलावा कई कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री को हटाने जाने की मांग करते हुए कहा था कि वह कुछ प्रमुख चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रहे।
नाराज विधायक स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि पार्टी के लिए चुनाव से पहले गार्ड बदलने का विकल्प चुनने का समय आ गया है। पांच सदस्यीय समिति में कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा हैं, जिन्होंने हाल के सत्ता संघर्ष में राज्य इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू का समर्थन किया। तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और सुखबिंदर सिंह सरकारिया, चन्नी और परगट सिंह को सिद्धू का करीबी माना जाता है।