रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन द्वारा सेनाएं हटाने की प्रक्रिया को लेकर सहमति बनने के बारे में संसद में बयान देने के एक दिन बाद, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि सरकार ने चीन को हमारी जमीन दे दी। राहुल के इस आरोप पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ‘कहीं और से सुपारी लेकर देश को बदनाम करने के षड्यंत्र में लगे हैं।’
भारत-चीन डिसइंगेजमेंट पर दिए गए राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा कि कुंदबुद्धि पप्पू जी के कमाल का कोई रास्ता नहीं है। कहीं और से सुपारी लेकर देश को बदनाम करने के षड्यंत्र और सुरक्षा बलों के मनोबल को तोड़ने की साजिशों में लगे हैं तो उसका कोई इलाज नहीं है।
बता दें कि कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कल रक्षा मंत्री ने दोनों सदनों में बयान दिया। कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें स्पष्ट करने की जरूरत है। पहली बात यह है कि इस गतिरोध के शुरुआत से ही भारत का यह रुख रहा है कि अप्रैल, 2020 से पहले की यथास्थिति बहाल होनी चाहिए, लेकिन रक्षा मंत्री के बयान से स्पष्ट है कि हम फिंगर 4 से फिंगर 3 तक आ गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने भारतीय सीमा चीन को क्यों दी? इसका जवाब प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को देना है। देपसांग इलाके में चीन हमारी सीमा के अंदर आया है। इस बारे में रक्षा मंत्री ने एक शब्द नहीं बोला।’’
राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘ सच्चाई यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की पवित्र जमीन चीन को दे दी है….उन्होंने भारत माता एक टुकड़ा चीन को दे दिया है।’’ गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों को बताया कि चीन के साथ पैंगोंग झील के उत्तर एवं दक्षिण किनारों पर सेनाओं के पीछे हटने का समझौता हो गया है और भारत ने इस बातचीत में कुछ भी खोया नहीं है।
सिंह ने कहा कि पैंगोंग झील क्षेत्र में चीन के साथ सेनाओं के पीछे हटने का जो समझौता हुआ है, उसके अनुसार दोनों पक्ष अग्रिम तैनाती चरणबद्ध, समन्वय और सत्यापन के तरीके से हटाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि अब भी पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनाती तथा गश्ती के बारे में ‘‘कुछ लंबित मुद्दे’’ बचे हुए हैं जिन्हें आगे की बातचीत में रखा जाएगा।