अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज राज्यसभा में कहा कि वोटों की राजनीति ने देश का बहुत बड़ा नुकसान किया है और नरेंद्र मोदी सरकार समग, समाज के सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रही है जिसमें मुस्लिम समाज की महिलायें भी शामिल है।
नकवी ने सदन में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 की चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार 33 साल की एक गलती को सुधार की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने शाह बानो मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने भारी बहुमत का इस्तेमाल सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उलट ने के लिए किया था जबकि मौजूदा सरकार कोर्ट के फैसले के अनुरूप कानून बनाने के लिए बहुमत का इस्तेमाल कर रही है।
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास एक मौका था कि वह तीन तलाक की कुप्रथा को खत्म कर सकती है लेकिन उसने वोट बैंक की राजनीति करते हुए यह अवसर गंवा दिया। चूंकि मोदी सरकार समग, एवं सामवेशी विकास की पक्षधर है इसलिए उसने इसे रोकने का कानून बनाने की ठानी है।
उन्होंने कहा कि इस मामले पर वोट की राजनीति नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अंग्रेजों की ‘बांटों और राज करो’ की नीति को अपनाया तथा इसी के तहत शासन चलाया। नकवी ने सरकार महिला कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इस साल कुल दो लाख मुसलमान हत पर जा रहे हैं जिनमें 50 प्रतिशत महिलायें हैं। इनमें से 2300 महिलायें बिना मेहरम हज जा रही है।
महिलाओं को बिना मेहरम हज पर भेजने का फैसला मोदी सरकार ने किया है। उन्होंने तीन तलाक देने वाले पति के खिलाफ मामला दर्ज कराने पर आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि हैवानियत करने वाले के साथ इंसानियत नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि देश में ‘एक कानून और एक देश’ पर बहस होनी चाहिए और दुनिया के सभी प्रमुख देश इस दिशा में आगे बढ़े हैं।