केंद्र सरकार के कृषि कानून के विरोध में और अन्य मांगों को लेकर शनिवार को भी किसानों का प्रदर्शन जारी है। वहीं केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नए कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए सभी किसानों को एक बार फिर आमंत्रित किया है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार किसानों की समस्याओं के लिए किसान यूनियन से बात करने के लिए पूरी तरह तैयार है। हमने उनको 3 दिसंबर का आमंत्रण भेजा है और मुझे आशा है कि वो सब लोग आएंगे और इस संवाद के माध्यम से रास्ता ढूढेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि "मैं राजनीतिक दल के लोगों को कहना चाहता हूं कि अगर उनको राजनीति करनी है तो अपने नाम पर राजनीति करें, लेकिन किसानों के नाम पर सियासत नहीं होनी चाहिए।"
वहीं इससे पहले उन्होंने शुक्रवार को कहा कि कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए नए कानून की आवश्यकता थी और जो कानून सरकार ने लाए हैं उनसे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों की समस्याओं पर बातचीत के लिए किसान नेताओं को तीन दिसंबर को आमंत्रित किया है। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसानों की समस्या पर बातचीत के लिए सरकार हमेशा तैयार है और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को दूसरे दौर की बातचीत के लिए तीन दिसंबर को आमंत्रित किया गया है।
इससे पहले तोमर ने एक ट्वीट में कहा, नए कानून बनाना समय की आवश्यकता थी, आने वाले कल में ये नए कृषि कानून, किसानों के जीवन स्तर में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। उन्होंने आगे कहा, नए कृषि कानूनों के प्रति भ्रम को दूर करने के लिए मैं सभी किसान भाइयों एवं बहनों को चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूं।
उधर, किसान संगठनों की अपील पर 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के किसानों का विरोध-प्रदर्शन चल रहा है। विभिन्न संगठनों से जुड़े किसान नेता दिल्ली की सीमा पर डेरा जमाए हुए थे। उन्हें दिल्ली की सीमा में प्रवेश करने से पहले रोक दिया गया था। हालांकि, बाद में हरियाणा और पंजाब से पहुंचे किसानों को दिल्ली में प्रवेश की इजाजत दे दी गई। इस बीच शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में मुजफ्फरपुर से भी किसान दिल्ली की तरफ रवाना हुए।