लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

नरेंद्र तोमर ने कांग्रेस पर लगाया दोहरा रुख अपनाने का आरोप, कहा- किसानों की भलाई के लिए थे कृषि कानून

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कांग्रेस पर तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के मुद्दे पर दोहरा रुख अपनाने का आरोप लगाया।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को यानी आज कांग्रेस पर तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के मुद्दे पर दोहरा रुख अपनाने का आरोप लगाया और दावा किया कि सरकार इन कानूनों को किसानों की भलाई के लिए लेकर आई थी। तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधि निरसन विधेयक को राज्यसभा में पेश करते हुए तोमर ने कहा किसानों की भलाई के लिए कृषि कानूनों को लायी थी सरकार। 
नरेंद्र तोमर ने कांग्रेस पर लगाया दोहरा रुख अपनाने का आरोप 
केंद्रीय मंत्री ने कहा,‘‘किसानों की भलाई के लिए सरकार तीनों कानूनों को लेकर आई थी लेकिन हम सभी को इस बात का दुख है कि कई बार प्रयत्न करने के बावजूद… और कांग्रेस पार्टी के लोग अपने घोषणा पत्र में रखने के बाद भी उस पर दोहरा रुख अपनाते रहे।’’ बता दें कि भाजपा दावा करती रही है कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में तीनों कृषि कानूनों की तर्ज पर कानून लाने का वादा किया था लेकिन वैसे ही प्रवाधानों वाले कानून केंद्र सरकार लेकर आई तो कांग्रेस विरोध पर उतारू हो गई।
नरेंद्र मोदी ने  ‘‘एतिहासिक बड़प्पन’’ का दिया परिचय
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘‘एतिहासिक बड़प्पन’’ का परिचय दिया और गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर उन्होंने इन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। ‘‘यह प्रधानमंत्री की कथनी और करनी की एकरूपता का परिचायक है कि हम यहां इन्हें (कानूनों को) वापस लेने आए हैं। सत्ता पक्ष भी तैयार है और विपक्ष भी मांग करता रहा है।’’
तोमर बोले- इस विषय को आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है
विधेयक को पारित करने का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस विषय को आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है…चर्चा की कोई जरूरत नहीं है। मैं समझता हूं कि विधेयक को पारित किया जाए।’’ इससे पहले, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में संभावित नुकासन को देखते हुए सरकार इन ‘‘काले कानूनों’’ को वापस लेने पर मजबूर हुई।
बिना चर्चा के पारित हुआ कृषि विधि निरसन विधेयक
उन्होंने कहा, ‘‘इसे वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा था और सारे देश में इन कानूनों के खिलाफ माहौल बन गया था। पिछले दिनों हुए उपचुनावों में भी इसका प्रभाव दिखा। अब पांच राज्यों में चुनाव हैं। उन्हें लगा कि उपचुनाव में ऐसे परिणाम हैं तो पांच राज्यों में परिणाम क्या होंगे?’’ उच्च सदन में सोमवार को कृषि विधि निरसन विधेयक को बिना चर्चा के पारित कर दिया गया। आज ही इससे पहले लोकसभा में इसे पारित किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

2 × 3 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।