BREAKING NEWS

पीएम मोदी ने साधा निशाना, कह- 'पूर्व की सरकारों ने लंबे समय तक पूर्वोत्तर के लोगों को विकास से वंचित रखा'◾तीन दिवसीय यात्रा के लिए दिल्ली पहुंचे कंबोडियाई राजा नोरोडोम सिहामोनी◾Punjab: BSF ने अमृतसर सीमा के पास पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया, 2.7 किलोग्राम के नशीले पदार्थ बरामद◾दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के दौरान पहलवानों के साथ किए गए व्यवहार को लेकर केटीआर ने केंद्र पर साधा निशाना ◾मणिपुर के 4 दिवसीय दौरे पर जाएंगे गृह मंत्री अमित शाह, हिंसा प्रभावित क्षेत्र का लेंगे जायजा◾गाजियाबाद : शादीशुदा Girlfriend को OYO होटल ले आया था Boyfriend, प्रेमिका की हत्या कर प्रेमी ने लगाया फंदा◾ Madhya Pradesh: उज्जैन के महाकाल लोक मंदिर में तेज हवाओं के कारण 6 मूर्तियां गिरने से हुई क्षतिग्रस्त◾दिल्ली : ED ने आबकारी नीति घोटाले को लेकर किया बड़ा खुलासा, Manish Sisodia ने 43 Sim Cards का किया था इस्तेमाल◾खड़गे ने दिल्ली में बुलाई बैठक, CM गहलोत और सचिन पायलट भी होंगे शामिल, पार्टी के हित में ले सकते है आज बड़ा फैसला◾चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर बोले CM योगी, किसानों व श्रमिकों के लिए समर्पित था उनका पूरा जीवन◾बिना आईडी प्रूफ के 2000 के नोट बदलने के RBI के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका HC ने की खारिज◾Tamil Nadu: IT अधिकारियों को उनकी ड्यूटी करने से रोकने के आरोप में DMK के 2 नेताओं समेत 10 गिरफ्तार◾दिल्लीआबकारी नीति घोटाले में ED ने किया खुलासा, सिसोदिया ने 622.67 करोड़ रुपये किया अर्जित◾योगी सरकार ने लिया UP में Electric Buses के संचालन का निर्णय, 100 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना◾दिल्ली-NCR में एक बार फिर बिगड़ेगा मौसम का मिजाज, IMD ने दी 2 और तूफान आने की चेतावनी◾Wrestlers Protest: पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी और विनेश के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने किया केस दर्ज, दंगा भड़काने का लगा आरोप ◾पहलवानों पर पुलिस कार्रवाई को लेकर उत्तर प्रदेश विपक्ष ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना◾'सामना' में उद्धव ने संसद भवन उद्घाटन समारोह को लेकर PM मोदी को घेरा, संसद के कामकाज पर उठाए सवाल ◾जयराम रमेश ने मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर बोला हमला, "कानून व्यवस्था का पूरी तरह से चरमरा जाने" का लगाया आरोप◾जन्मों तक पैसा नहीं होता कम ,सोमवार को जिस घर में यह सब्जी बनाई जाती है ये सब्जी◾

कथावाचक देवकी नंदन ने प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के खिलाफ SC में दायर की याचिका, अब तक कुल 7 अर्जी दाखिल

Places of Worship Act-1991 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट  में 7वीं याचिका दाखिल की गई है। यह एक हफ्ते के अंदर दाखिल होने वाली चौथी याचिका है। नई याचिका कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने दाखिल की है। खास बात ये है कि सभी याचिकाओं में प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट को संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ बताया गया है। कोशिश ये है कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट को खत्म किया जाए, जिससे तमाम धार्मिक स्थलों में दावों के मुताबिक बदलाव हो सकें। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं की झड़ी लग गई है। इसे लेकर 1 हफ्ते में चौथी याचिका दाखिल की गई है। इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है।

अब तक कितनी याचिकाएं हुई दायर 

अब प्रख्यात कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने भी प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने याचिका दाखिल करते हुए कहा कि, ये कानून लोगों को धार्मिक अधिकार से वंचित करता है। इसीलिए इस कानून में बदलाव होना चाहिए, या इसे खत्म किया जाना चाहिए। इस मामले में अब तक कुल 7 याचिकाएं दायर हो चुकी हैं। इससे पहले ऐसी ही याचिकाएं अश्विनी उपाध्याय, सुब्रह्मण्यम स्वमी, जितेंद्रानंद सरस्वती भी डाल चुके हैं। 12 मार्च 2021 को वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर नोटिस जारी हुआ था। अभी सरकार ने जवाब दाखिल नहीं किया है।

जानें क्या कहा गया याचिका में ?

प्लेसेस ऑफ़ वर्शिप एक्ट को लेकर बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय की जिस याचिका पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया था, उसमें कहा गया था कि, 1991 में जब प्लेसेस ऑफ़ वर्शिप एक्ट बना, तब अयोध्या से जुड़ा मुकदमा पहले से कोर्ट में लंबित था। इसलिए, उसे अपवाद रखा गया। लेकिन काशी-मथुरा समेत बाकी सभी धार्मिक स्थलों के लिए यह कह दिया गया कि उनकी स्थिति नहीं बदल सकती। इस तरह का कानून न्याय का रास्ता बंद करने जैसा है। उन्होंने याचिका में कहा कि, किसी मसले को कोर्ट तक लेकर आना हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। लेकिन 'प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट' इस अधिकार से वंचित करता है।

क्या है पूजा स्थल कानून

बता दें कि पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 एक अधिनियम है, जो 15 अगस्त 1947 तक अस्तित्व में आए हुए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को एक आस्था से दूसरे धर्म में परिवर्तित करने और किसी स्मारक के धार्मिक आधार पर रखरखाव पर रोक लगाता है। यह केंद्रीय कानून 18 सितंबर, 1991 को पारित किया गया था. हालांकि, अयोध्या विवाद को इससे बाहर रखा गया था क्योंकि उस पर कानूनी विवाद पहले से चल रहा था।