भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला को NASA की ओर से सम्मान देते हुए एयरोस्पेस कंपनी नॉर्थरोप ग्रुमैन ने अपने लांच होने वाले सिग्नस स्पेसक्राफ्ट का नाम कल्पना चावला के नाम पर रखा है। सिग्नस स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से 29 सितंबर को छोड़ा जाएगा।
सिग्नस स्पेसक्राफ्ट के निर्माता नॉर्थरोप ग्रूममैन ने एक ट्वीट में घोषणा की, ट्वीट में लिखा, 'आज हम कल्पना चावला का सम्मान करते हैं, जिन्होंने नासा में भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में इतिहास बनाया है। आगे कहा 'मानव अंतरिक्ष यान में उनके योगदान का स्थायी प्रभाव पड़ा है। मिलिए हमारे अगले Cygnus यान, S.S. कल्पना चावला से।
बता दें, कल्पना ने 19 नवंबर 1997 को अपना पहला अंतरिक्ष मिशन शुरू किया था। उन्होंने 6 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ स्पेस शटल कोलंबिया STS-87 से उड़ान भरी थी। अपने पहले मिशन के दौरान कल्पना ने 1.04 करोड़ मील सफर तय करते हुए करीब 372 घंटे अंतरिक्ष में बिताए थे। अंतरिक्ष में जाने के लिए उन्होंने आठ महीने की ट्रेनिंग ली थी, कल्पना ने साल 1988 में नासा ज्वॉइन किया था।
16 जनवरी, 2003 को अमेरिकी अंतिरक्ष यान कोलंबिया के चालक दल के रूप में अंतरिक्ष में जाने वाली भारत की पहली महिला बनी थीं। 01 फरवरी 2003 को अंतिरक्ष में 16 दिनों का सफर पूरा करने के बाद वापसी के दौरान पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय और निर्धारित लैंडिंग से सिर्फ 16 मिनट पहले साउथ अमेरिका में अंतिरक्ष यान कोलंबिया दुर्घटनाग्रस्त हो गया और यान कई टुकडों में बंटकर नष्ट हो गया। इस हादसे में कल्पना चावला समेत सभी चालक दल जान गंवा बैठे थे।
नॉर्थरोप ग्रूममैन ने यह भी कहा, 'यह कंपनी की परंपरा है कि प्रत्येक सिग्नस का नाम एक ऐसे शख्स के नाम पर रखा जाए जिसने मानव अंतरिक्ष यान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो। कल्पाना चावला को अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला के रूप में इतिहास में उनके अहम स्थान के सम्मान में चुना गया था।'
