आज ही के दिन 90 साल पहले यानी 23 मार्च 1931 को शहीद भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु, सुखदेव ने भारत को आजाद कराने के लिए हंसते-हंसते मौत को गले लगा लिया था। उनकी शहादत को देश का हर नागरिक सच्चे दिल से सलाम कर रहा है। इसी के साथ आज ही भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी, प्रखर चिंतक और समाजवादी राजनेता डॉ. राम मनोहर लोहिया की जयंती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर देश के इन वीर सपूतों को नमन किया है।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, “आजादी के क्रांतिदूत अमर शहीद वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीदी दिवस पर शत-शत नमन. मां भारती के इन महान सपूतों का बलिदान देश की हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा। जय हिंद!” शहीद दिवस।’’
इसी के साथ मोदी ने एक और ट्वीट में लिखा, “महान स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया जी को उनकी जयंती पर सादर श्रद्धांजलि। उन्होंने अपने प्रखर और प्रगतिशील विचारों से देश को नई दिशा देने का कार्य किया। राष्ट्र के लिए उनका योगदान देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ ने डॉ लोहिया को सादर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, महान स्वाधीनता संग्राम सेनानी, प्रखर समाजवादी चिंतक, लोकप्रिय राजनेता, समतामूलक एवं प्रगतिशील समाज की स्थापना के प्रबल पैरोकार, लोकतंत्र के सशक्तिकरण हेतु आजीवन समर्पित डॉ. राम मनोहर लोहिया जी को उनकी जयंती पर कोटिशः श्रद्धांजलि।
यूपी के पुर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी डॉक्टर लोहिया की जन्म जयंती पर नमन किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, समाजवादी आंदोलन के शिखर पुरुष, महान चिंतक एवं स्वतंत्रता सेनानी डॉ॰ राम मनोहर लोहिया जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन! समाजवादी मूल्यों के लिए सपा सदैव संकल्पित रही है और रहेगी।
देश की आजादी के लिए प्राणों का बलिदान
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु उनमे से एक हैं जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना हमारे देश इतिहास की बड़ी और महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। तीनों ने लाला लाजपत राय का मौत का बदला लेने के लिए अंग्रेज पुलिस अधिकारी जेपी सांडर्स की हत्या कर दी थी, जिस पर अंग्रेजी सरकार ने इन तीन वीर सपूतों को फांसी दे दी थी। उस दिन उन तीनों ने देश की आजादी के लिए मुस्कुराते हुए मौत को गले लगा लिया था।
सेनानी, प्रखर चिंतक और समाजवादी डॉ. राम मनोहर लोहिया
डॉ॰ राम मनोहर लोहिया का जन्म 23 मार्च 1910 को फैजाबाद में हुआ था। आजादी से पहले ही देश की राजनीति में भावी बदलाव की बयार लाने वाले डॉ. लोहिया का जन्म अकबरपुर जिले में हुआ। वह आजादी के आंदोलन में सक्रिय रहे और उसके बाद उन्होंने देश की राजनीति में नया दौर लाया। डॉ. लोहिया ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ चुनाव लड़ा था और लगातार दो बार 1952 और 1957 में फूलपुर से सांसद भी चुने गए थे। उन्होंने हमेशा ही विश्व-नागरिकता का सपना देखा था और वह लोगों को किसी देश का नहीं, बल्कि विश्व का नागरिक मानते थे।