नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) में कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नाम पर प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) द्वारा एक नया समन जारी किया गया है, बताते चलें कि ईडी ने राहुल को 2 जून को बुलाया था लेकिन इस वक्त वह विदेश में है। इस वजह से वह पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे और उन्होंने ईडी से और समय देने की मांगा की थी, यही कारण है कि अब कांग्रेस नेता को 13 जून को ईडी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है।
8 जून को सोनिया गांधी से होनी थी पूछताछ
ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और सांसद राहुल गांधी दोनों को नोटिस जारी कर एजेंसी के सामने पेश होने को कहा है। हालांकि सोनिया को 8 जून को पूछताछ में शामिल होना है और वह कल ही कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) पाई गईं हैं, अगर सोनिया तब तक ठीक हो जाती हैं तो उन्हें ईडी के सामने जरूर पेश होना होगा।
जानिए क्या है नेशनल हेराल्ड केस
नेशनल हेराल्ड का मामला तब सामने आया जब भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर जमीन हड़पने और हजारों करोड़ रुपये के फंड की हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में केस दायर किया। उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने एक निजी कंपनी यंग इंडिया लिमिटेड के माध्यम से एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी एजेएल का अधिग्रहण किया, जिसके निदेशक राहुल गांधी है।
पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण और इलाहाबाद और मद्रास उच्च न्यायालयों के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू सहित एजेएल के कई शेयरधारकों ने कहा कि जब वाईआईएल ने इस पर नियंत्रण हासिल किया तो उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया था। उन्होंने कहा कि उनके पिता द्वारा रखे गए शेयरों को उनकी सहमति के बिना 2010 में एजेएल को हस्तांतरित कर दिया गया था।
सुब्रमण्यम स्वामी ने लगाए यह आरोप
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि वाईआईएल ने नेशनल हेराल्ड सहित एजेएल की संपत्ति को “दुर्भावनापूर्ण” तरीके से लाभ हासिल करने और 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति हासिल करने के लिए “अधिग्रहित” किया। स्वामी ने यह भी आरोप लगाया कि वाईआईएल ने कांग्रेस पार्टी पर एजेएल के 90.25 करोड़ रुपये की वसूली के अधिकार प्राप्त करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान किया था। अखबार शुरू करने के लिए एजेएल ने कर्ज लिया था। स्वामी ने यह भी आरोप लगाया कि यह कर्ज अवैध था, क्योंकि इसे पार्टी फंड से वितरित किया गया था।