अग्निपथ योजना के तहत नौसेना में 3000 अग्निवीरों का पहला बैच तैयार हो गया है, जिसमें 341 महिला नाविक हैं। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने शनिवार को ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नाव पर पहली बार महिला नाविक होंगी और फिर अगले साल से महिला अधिकारियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही नौसेना अध्यक्ष ने आईएनएस विक्रांत के कमीशन को देश और नौसेना के इतिहास में एक ऐतिहासिक घटना करार दिया है।
नौसेना दिवस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए नौसेना अध्यक्ष ने कहा कि देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोच्चि में कमीशन किया गया था। यह नौसेना के नेतृत्व, योजनाकारों, शिपयार्ड श्रमिकों, उद्योग और अन्य सहायक एजेंसियों के अथक प्रयास का दर्शाता है। INS-विक्रांत हमारी स्वदेशी क्षमता का प्रतीक है यह हमारे आत्मविश्वास को दर्शाता है। उन्होंने कहा, इसने दुनिया में देश को कद को ऊंचा किया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि विक्रांत आने वाले वर्षों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में गर्व से तिरंगा फहराएगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने पिछले एक साल में बहुत ऊंची अभियानगत क्षमता हासिल की है तथा समुद्री सुरक्षा की अहमियत पर अधिक बल दिया जा रहा है। सरकार ने हमें आत्मनिर्भर भारत पर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं। हमने बताया है कि भारतीय नौसना 2047 तक आत्मनिर्भर बन जाएगी। अभियानगत क्षमता की दृष्टि से देखा जाए तो पिछले एक साल में हमारा बहुत व्यस्त समय रहा।
नौसेना अध्यक्ष ने कहा, हिंद महासागर क्षेत्र में बहुत सारे चीनी जहाज रहते हैं। इसमें 4-6 पीएलए नौसेना के जहाज हैं, फिर कुछ अन्य पोत हैं। उन्होंने कहा, हिंद महासागर क्षेत्र में बड़ी संख्या में चीनी जहाज मछली पकड़ने के लिए संचालित होते हैं। हम सभी घटनाक्रमों पर पैनी नजर रखते हैं। उन्होंने बताया, हिंद महासागर क्षेत्र में लगभग 60 अन्य अतिरिक्त-क्षेत्रीय बल हमेशा मौजूद रहते हैं। यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जहां बड़ी मात्रा में व्यापार होता है। हमारा काम यह देखना है कि समुद्री क्षेत्र में भारत के हितों की रक्षा हो।
अग्निवीरों के पहले बैच में 3000 अग्निवीर नौसेना में शामिल
नौसेना अध्यक्ष ने कहा, अग्निवीरों के पहले बैच में 3000 अग्निवीर नौसेना में शामिल हुए हैं। इसमें 341 महिलाएं हैं। उन्हाेंने कहा, हम महिला अधिकारियों को सभी ब्रांचों में शामिल करने पर विचार कर रहे हैं। अभी तक केवल सात से आठ ब्रांचों तक ही महिलाएं सीमित हैं।
नौसेना अध्यक्ष ने कहा, यह पहली बार है जब महिलाओं को उनके पुरुष समकक्षों की तरह ही शामिल किया जा रहा है। यह चयन का एक समान तरीका है। वे समान परीक्षणों से गुजर रही हैं। नौसेना अध्यक्ष ने आगे कहा, महिलाओं को जहाजों, एयरबेसों और विमानों पर तैनात किया जाएगा। उन्हें हर चीज के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। महिलाओं के प्रशिक्षण में कोई अंतर नहीं आने वाला है।