भारतीय नौसेना ने अपने बिल्डर कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल), कोच्चि से प्रतिष्ठित स्वदेशी विमान वाहक (एसी) विक्रांत की डिलीवरी लेकर आज समुद्री इतिहास रच दिया है। भारतीय नौसेना के नौसेना डिजाइन निदेशालय द्वारा डिजाइन किया गया है।
262 मीटर लंबे वाहक का लगभग 45,000 टन का पूर्ण विस्थापन है जो उसके पूर्ववर्ती की तुलना में बहुत बड़ा और उन्नत है। जहाज कुल 88 मेगावाट बिजली की चार गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित है और इसकी अधिकतम गति 28 समुद्री मील है। लगभग 20,000 करोड़ की कुल लागत से इसे तैयार किया गया है। परियोजना को रक्षा मंत्रालय और सीएसएल के बीच अनुबंध के तीन चरणों में आगे बढ़ाया गया है, जो क्रमश: मई 2007, दिसंबर 2014 और अक्टूबर 2019 में संपन्न हुआ।
विक्रांत को मशीनरी संचालन, जहाज नेविगेशन और उत्तरजीविता के लिए उच्च स्तर के स्वचालन के साथ बनाया गया है, और इसेफिक्स्ड विंग और रोटरी विमानों के वर्गीकरण को समायोजित करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह जहाज स्वदेश निर्मित उन्नत हल्के हेलीकाप्टर (एएलएच) और हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) के अलावा एमआईजी-29के लड़ाकू जेट, कामोव-31, एमएच-60आर बहु-भूमिका हेलीकाप्टरों से युक्त 30 विमानों से युक्त एयर विंग के संचालन में सक्षम होगा।
जहाज में बड़ी संख्या में स्वदेशी उपकरण और मशीनरी हैं, जिसमें देश के प्रमुख औद्योगिक घराने शामिल हैं। बीईएल, भेल, जीआरएसई, केल्ट्रोन, किर्लोस्कर, लार्सन एंड टुब्रो, वार्टसिला इंडिया आदि के साथ-साथ 100 से अधिक एमएसएमई। स्वदेशीकरण के प्रयासों ने सहायक उद्योगों के विकास के अलावा, रोजगार के अवसरों के सृजन और अर्थव्यवस्था पर स्थानीय और साथ ही अखिलभारतीय स्तर पर हल बैक प्रभाव को बढ़ावा दिया है। इसका एक प्रमुख स्पिन-ऑफ नौसेना, डीआरडीओ और भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) के बीच साझेदारी के माध्यम से जहाज के लिए स्वदेशी युद्धपोत ग्रेड स्टील का विकास और उत्पादन है, जिसने देशको युद्धपोत के संबंध में आत्मनिर्भर बनने में सक्षम बनाया है।
कैरियर के डिजाइन को आकार देने में नौसेना डिजाइन निदेशालय द्वारा 3डी वर्चुअल रियलिटी मॉडल और उन्नत इंजीनियरिंग सॉफ्टवेयर के उपयोग सहित कई डिजाइन पुनरावृत्तियों का उपयोग किया गया था। सीएसएल ने जहाज के निर्माण के दौरान अपने जहाज निर्माण के बुनियादी ढांचे के साथ-साथ उत्पादकता कौशल को भी उन्नत किया था।
विक्रांत की डिलीवरी को भारतीय नौसेना की ओर से विक्रांत के पदनामित कमांडिंग अधिकारी, नौसेना मुख्यालय और युद्धपोत निगरानीदल (कोच्चि) के प्रतिनिधियों और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की ओर से अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक द्वारा स्वीकृति दस्तावेजों परहस्ताक्षर करके चिह्न्ति किया गया था।
स्वदेशी विमान वाहक को जल्द ही भारतीय नौसेना में भारतीय नौसेना जहाज (आईएनएस) विक्रांत के रूप में शामिल किया जाएगा, जो हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में भारत की स्थिति और नीले पानी की नौसेना के लिए इसकी खोज को बढ़ावा देगा।