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NCP ने महाराष्ट्र बाढ़ को लेकर फडणवीस पर साधा निशाना

पश्चिमी महाराष्ट्र में बाढ़ की स्थिति बृहस्पतिवार को गंभीर होने के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर ‘‘देरी से जगने’’ का आरोप लगाते हुए निशाना साधा।

मुम्बई : पश्चिमी महाराष्ट्र में बाढ़ की स्थिति बृहस्पतिवार को गंभीर होने के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर ‘‘देरी से जगने’’ का आरोप लगाते हुए निशाना साधा। राकांपा ने मुख्यमंत्री के प्रभावित क्षेत्र के हवाई सर्वेक्षण को ‘‘आपदा पर्यटन’’ करार दिया। 
राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने फडणवीस से कहा कि ‘‘करीब 2.5 करोड़ प्रभावित लोगों’’ को तत्काल राहत मुहैया कराने के वास्ते एक योजना बनाने के लिए आपदा प्रबंधन इकाई और सेना, नौसेना के और विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों की एक बैठक आहूत करें। 
मलिक ने बाढ़ प्रभावित सांगली में एक राहत नौका के पलट जाने के लिए सीधे सरकार को जिम्मेदार ठहराया जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि जिले में मुहैया करायी गई मदद ‘‘अपर्याप्त’’ है। 
फडणवीस ने बृहस्पतिवार को सांगली और कोल्हापुर जिलों में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए एक हवाई सर्वेक्षण किया। 
मलिक ने कहा, ‘‘आज वह (फडणवीस) वहां आपदा पर्यटन के लिए गए थे। हजारों अधिकारी उनकी सुरक्षा कर रहे हैं, उनकी सेवा में लगे हैं। यह उनका कर्तव्य था कि वह मुम्बई में बैठकर यहां से सब कुछ की निगरानी करें।’’ 
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सरकार ने निर्णय समय से नहीं लिया जिससे महाराष्ट्र के साथ ही पड़ोसी कर्नाटक में सूखे जैसी स्थिति उत्पन्न हुई।’’ 
मलिक ने कहा कि फडणवीस बाढ़ की स्थिति पर ‘‘देर से जागे’’ और कथित रूप से चुनाव पूर्व अपने महाजनादेश यात्रा को महत्व दिया। मुख्यमंत्री ने महाजनादेश यात्रा गत सप्ताह जनता तक पहुंच बनाने के लिए शुरू की थी। 
इस बीच फडणवीस ने यात्रा के तहत अपने कार्यक्रम रद्द कर दिये। 
मलिक ने बुधवार को आयोजित कैबिनेट बैठक का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने राहत उपायों पर ध्यान केंद्रित करने की बजाय संगठनों को जमीन वितरित करने और 15 हजार करोड़ रुपये के रिण पर ध्यान दिया। 
महाराष्ट्र कैबिनेट ने बुधवार को चल रही सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 15 हजार करोड़ रुपये के दीर्घकालिक कर्ज लेने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी। 
सरकार ने इसके साथ ही यहां 648 वर्ग मीटर जमीन 30 वर्ष के लीज पर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम को देने का निर्णय किया जो कि आंध्र प्रदेश में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करता है। 
मलिक ने कहा, ‘‘हम आपसे (फडणवीस) से मांग करते हैं कि आपदा प्रबंधन, सेना, नौसेना और विपक्षी दलों की बैठक बुलायें ताकि यह चर्चा हो कि लोगों की जान कैसे बचाई जाए।’’ 
उन्होंने कहा कि राकांपा ने सांगली के इस्लामपुर में 72 हजार प्रभावित लोगों के लिए एक राहत शिविर स्थापित किया है। 
उन्होंने कहा कि राकांपा अपना पहला ट्रक भी प्रभावित लोगों के लिए रवाना करेगी जिसमें दवाएं, कपड़े और बिस्किट होंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी सांसदों और विधायकों ने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत कोष में एक महीने का वेतन देने का भी निर्णय किया है। 
इस बीच राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने पश्चिमी महाराष्ट्र में बाढ़ से हुई तबाही के लिए सरकार की ‘‘अक्षमता’’ को जिम्मेदार ठहराया। 
उन्होंने अहमदनगर के शिरडी में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि फडणवीस ने एक दिन के लिए यात्रा रोकी (बुधवार को जब उन्होंने मुंबई में बाढ़ के मुद्दे पर समीक्षा बैठक की)। वह भी विपक्ष द्वारा मुद्दा उठाए जाने पर। 
पवार ने बाद में नासिक में राकांपा के चुनाव पूर्व ‘शिवस्वराज्य यात्रा’ के तहत एक रैली को संबोधित करते हुए सांगली में हुए नौका हादसे के लिए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह इसलिए हुई क्योंकि नौका में अधिक लोग सवार थे। 
पवार ने सवाल किया,‘‘लेकिन फडणवीस की ओर से अलमाटी बांध के गेट खोलने के लिए बी एस येदियुरप्पा से कहने में देरी क्यों हुई जो कि कर्नाटक में नीचे की धारा की ओर स्थित है।’’ 
कर्नाटक के बांध से पानी नहीं छोड़े जाने को कोल्हापुर और सांगली जिलों में बाढ़ की स्थिति बढ़ाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

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