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देश में साल 2020 में बढ़े आत्महत्या के केस, 20 हजार मामलों के साथ पहले स्थान पर महाराष्ट्र

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में 2019 की तुलना में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2019 में इनकी संख्या 1,39,123 थी।

देश में साल 2020 में आत्महत्या के 1,53,052 मामले दर्ज हुए। यानी औसतन 418 लोगों ने रोजाना मौत को गले लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त की। सबसे ज्यादा आंकड़े के साथ महाराष्ट्र आत्महत्या के मामले में पहले स्थान पर है। महाराष्ट्र में 2020 में 19,909 आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए जो कुल मामलों का 13 प्रतिशत है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने अपनी एक वार्षिक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में 2019 की तुलना में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2019 में इनकी संख्या 1,39,123 थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनसीआरबी ने बताया कि (प्रति लाख जनसंख्या) आत्महत्या दर में भी बढ़ोतरी हुई है। यह 2019 में 10.4 थी, लेकिन पिछले साल यह 11.3 रही।
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आत्महत्या के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में सामने आए। महाराष्ट्र में कुल 19,909 मामले दर्ज किए गए जो कुल मामलों का 13 प्रतिशत हैं। उसके बाद तमिलनाडु में 16,883, मध्य प्रदेश में 14,578, पश्चिम बंगाल में 13,103 और कर्नाटक में 12,259 मामले दर्ज किए गए। तमिलनाडु में देशभर में आत्महत्या के कुल मामलों के 11 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 9.5 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 8.6 प्रतिशत और कर्नाटक में आठ प्रतिशत मामले दर्ज किए गए।
एनसीआरबी ने बताया कि इन पांच राज्यों के आंकड़ों को यदि मिला दिया जाए तो ये देशभर में दर्ज किए गए आत्महत्या के कुल मामलों के 50.1 प्रतिशत मामले हैं, जबकि बाकी 49.9 प्रतिशत मामले शेष 23 राज्यों एवं आठ केंद्रशासित प्रदेशों मे दर्ज किए गए। ब्यूरो ने बताया कि देश की कुल आबादी में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 16.9 प्रतिशत है। 
इसके बावजूद इस राज्य में आत्महत्या के अपेक्षाकृत कम मामले दर्ज किए गए। उत्तर प्रदेश में आत्महत्या के कुल मामलों के मात्र 3.1 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए। रिपोर्ट में बताया गया है कि सर्वाधिक आबादी वाले केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली में आत्महत्या के 3,142 मामले दर्ज किए गए। दिल्ली इस मामले में केंद्रशासित प्रदेशों में शीर्ष पर रही और इसके बाद पुडुचेरी में 408 मामले दर्ज किए गए।
रिपोर्ट से पता चलता है कि 2020 में देश के 53 बड़े शहरों में आत्महत्या की कुल 23,855 घटनाएं हुईं। शहरों में आत्महत्या की दर (14.8) अखिल भारतीय आत्महत्या दर (11.3) की तुलना में अधिक थी। इसमें कहा गया है कि 2020 में आत्महत्या करने वाले लोगों में से कुल 56.7 प्रतिशत लोगों ने पारिवारिक समस्याओं (33.6 प्रतिशत), विवाह संबंधी समस्याओं (पांच प्रतिशत) और किसी बीमारी (18 प्रतिशत) के कारण अपनी जान ली। रिपोर्ट के अनुसार, आत्महत्या करने वालों में पुरुषों और महिलाओं का अनुपात 70.9 : 29.1 रहा।

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