कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन दौरान महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को अप्रैल महीने में घरेलू हिंसा की 315 शिकायतें मिली हैं। यह सारी शिकायतें एनसीडब्ल्यू को ऑनलाइन और वाट्सऐप द्वारा मिली।
आयोग को पिछले महीने यानि अप्रैल में डाक द्वारा कोई शिकायत नहीं मिली थी। आंकड़ों के अनुसार 315 शिकायतें ऑनलाइन और व्हाट्सएप पर प्राप्त हुई हैं। पहले साल 2019 अगस्त से घरेलू हिंसा की शिकायतों की संख्या अधिक है।आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि घरेलू हिंसा की अधिक शिकायतों के लिए 25 मार्च से लगाए गए लॉकडाउन को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
आयोग ने घरेलू हिंसा के मामलों की जानकारी देने के लिए एक व्हाट्सएप नम्बर-7217735372 जारी किया है। आयोग ने लॉकडाउन अवधि के दौरान उन्हें प्राप्त होने वाली घरेलू हिंसा की शिकायतों के कुछ मामलों को साझा किया। इन मामलों में से एक में एक लड़की ने शिकायत की कि शादी करने का दबाव बनाते हुए उसके अभिभावकों ने उसकी पिटाई की।
आयोग ने इस शिकायत के बाद पुलिस से संपर्क किया और उसे आश्रय गृह पहुंचाया। एक अन्य मामले में त्रिपुरा के एक व्यक्ति ने शिकायत की कि उसकी बहन को उसकी ससुराल वालों ने प्रताड़ित किया है और लॉकडाउन के कारण वह वहां से नहीं निकल पा रही है। आयोग की एक सदस्य ने कहा, ‘‘हमने पुलिस से संपर्क किया और उसे बचाया।’’
आयोग के आंकड़े के अनुसार महिलाओं के खिलाफ विभिन्न अपराधों की कुल 800 शिकायतें मिली हैं। इनमें घरेलू हिंसा की शिकायतें लगभग 40 प्रतिशत हैं। अप्रैल के महीने में एक अन्य अपराध जिसके मामलों की संख्या में वृद्धि देखी गई, वह साइबर अपराध है।
आयोग के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में 54 साइबर शिकायतें (ऑनलाइन) प्राप्त हुई है जबकि मार्च में इन शिकायतों की संख्या 37 (ऑनलाइन और डाक द्वारा) थी जबकि फरवरी में 21 (ऑनलाइन और डाक द्वारा) शिकायतें मिली थीं।