नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जतायी कि कोविड-19 से निपटने के लिये व्यवहारिक और प्रभावी रूप से टीकाकरण व्यवस्था को लेकर जरूरी धन और संसाधन उपलब्ध होगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय टीकाकरण व्यवस्था पर आने वाली लागत के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी।
‘पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया’ के डिजिटल तरीके से आयोजित कार्यक्रम में कुमार ने उम्मीद जतायी कि कंपनी क्षेत्र भी इस मौके पर कदम उठाएगा और अपनी कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत टीकाकरण को हिस्सा बनाएगा। टीके की खरीद और उसके वितरण के लिये जरूरी राशि से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘टीके से जुड़ी लागत, कोष और संसाधन के बारे में अभी बात करना जल्दबाजी होगी… यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कौन से तौर-तरीके अपनाये जाते हैं और हम कैसे कदम बढ़ाते हैं।’’
कुमार ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से इसकी लागत होगी, लेकिन प्रधानमंत्री ने जो संकेत दिये हैं, मुझे नहीं लगता कि व्यवहारिक और प्रभावी रूप से टीकाकरण व्यवस्था को लेकर लागत कोई मसला होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना है कि हमारे पास उन लोगो की विशेष पहचान संख्या हो जिनका टीकाकरण होगा और यह इस रूप में हो जिससे आप जहां भी जाए, वह पता चले। यह एक बड़ा प्रयास है और नीति आयोग नंदन निलेकणि के साथ मिलकर इसका समाधान निकालने का प्रयास कर रहा है।