मुख्य आर्थिक सलाहकार के. वी. सुब्रहमणियम ने बृहस्पतिवार को कहा कि गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र को संकट से बाहर निकालने के लिए ढांचागत मुद्दों के समाधान की जरूरत है।
पिछले साल सितंबर में आईएलएफएस समूह के चूक करने की श्रृंखलाओं के बाद से एनबीएफसी क्षेत्र काफी दबाव में है। आईएलएफएस के संकट के तुरंत बाद कई एनबीएफसी को नकदी संकट का सामना करना पड़ा है, क्योंकि कई म्यूचुअल फंड कंपनियों ने एनबीएफसी को फिर से वित्त देने से मना कर दिया था।
सुब्रहमणियम ने कहा कि एनबीएफसी क्षेत्र में परिसंपत्ति देनदारी अंतर से जुड़ी ढांचागत समस्याएं हैं जिन्हें विशेष तौर पर ठीक किए जाने की जरूरत है, क्योंकि इसके समाधान के लिए किए जा रहे उपशामक से काम नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि बुरी कंपनियों को करदाताओं के पैसे से राहत नहीं प्रदान की जानी चाहिए।