केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय में राष्ट्रीय पोलियो टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि चूंकि पड़ोसी देश पोलियो से मुक्त नहीं हुए हैं, इसलिए भारत को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने रेखांकित किया कि घर-घर जाकर पोलियो की खुराक पिलाने का अभियान जारी रहेगा ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी बच्चा छूट ना जाए।
पोलियो रोधी टीके दिए जाएंगे
स्वास्थ्य मंत्रालय में पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाकर वर्ष 2022 के पोलियो खुराक पिलाने के अभियान की शुरुआत करते हुए मंत्री ने कहा कि पांच साल से कम उम्र के करीब 15 करोड़ बच्चों को आने वाले महीनों में पोलियो रोधी टीके दिए जाएंगे। उन्होंने बताया, ‘‘पोलियो के खिलाफ भारत की रणनीति देश की निवारण योग्य बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण के संबंध में स्वास्थ्य नीति की सफल गाथा है। हमें सतर्क बने रहने की जरूरत है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि पांच साल से कम उम्र के सभी बच्चों को पोलियों की खुराक मिल जाये।’’
बीमारियों से बचाने के प्रयास कर रहे हैं..
उन्होंने कहा, हमारे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम बच्चों को पहले से कहीं अधिक बीमारियों से बचाने के लिए ध्यान केंद्रित कर रहा है और हाल के दिनों में न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन (पीसीवी), रोटावायरस वैक्सीन और मीजल्स-रूबेला वैक्सीन (एमआर) जैसे कई नए टीके पेश किए हैं। मंत्री ने कहा, इसके अलावा, हमारे बच्चों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए, केंद्र ने अपने नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में इंजेक्टेबल इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन भी पेश किया है। हम अपने बच्चों को अधिक से अधिक बीमारियों से बचाने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि सभी टीके कार्यक्रम हमारे देश के हर बच्चे तक पहुंचे।
उन्होंने राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि स्वस्थ भारत का लक्ष्य तभी प्राप्त किया जा सकता है जब बच्चे स्वस्थ हों। मिशन इंद्रधनुष या पोलियो टीकाकरण अभियान का उद्देश्य उन्हें ऐसी घातक बीमारियों से बचाना है।
पोलियो रोधी टीके दिए जाएंगे
स्वास्थ्य मंत्रालय में पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाकर वर्ष 2022 के पोलियो खुराक पिलाने के अभियान की शुरुआत करते हुए मंत्री ने कहा कि पांच साल से कम उम्र के करीब 15 करोड़ बच्चों को आने वाले महीनों में पोलियो रोधी टीके दिए जाएंगे। उन्होंने बताया, ‘‘पोलियो के खिलाफ भारत की रणनीति देश की निवारण योग्य बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण के संबंध में स्वास्थ्य नीति की सफल गाथा है। हमें सतर्क बने रहने की जरूरत है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि पांच साल से कम उम्र के सभी बच्चों को पोलियों की खुराक मिल जाये।’’
बीमारियों से बचाने के प्रयास कर रहे हैं..
उन्होंने कहा, हमारे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम बच्चों को पहले से कहीं अधिक बीमारियों से बचाने के लिए ध्यान केंद्रित कर रहा है और हाल के दिनों में न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन (पीसीवी), रोटावायरस वैक्सीन और मीजल्स-रूबेला वैक्सीन (एमआर) जैसे कई नए टीके पेश किए हैं। मंत्री ने कहा, इसके अलावा, हमारे बच्चों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए, केंद्र ने अपने नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में इंजेक्टेबल इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन भी पेश किया है। हम अपने बच्चों को अधिक से अधिक बीमारियों से बचाने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि सभी टीके कार्यक्रम हमारे देश के हर बच्चे तक पहुंचे।
उन्होंने राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि स्वस्थ भारत का लक्ष्य तभी प्राप्त किया जा सकता है जब बच्चे स्वस्थ हों। मिशन इंद्रधनुष या पोलियो टीकाकरण अभियान का उद्देश्य उन्हें ऐसी घातक बीमारियों से बचाना है।