नयी दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने हरियाणा सरकार को यमुना में‘‘ अमोनिया के खतरनाक स्तर’’ पर रोक लगाने तथा नदी में पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के बाबत निर्देश देने की मांग करने वाली दिल्ली जल बोर्ड की याचिका पर सुनवाई को19 अप्रैल तक टाल दिया। एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति जवाद रहीम ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी क्योंकि अधिकरण को बताया गया कि उच्चतम न्यायालय में भी इसी तरह की अर्जी दायर है जिस पर16 अप्रैल को सुनवाई होगी। मामले को19 अप्रैल को सूचीबद्ध करते हुए पीठ ने कहा‘‘ हरियाणा की ओर से कहा गया है कि दिल्ली जल बोर्ड पहले ही उच्चतम न्यायालय पहुंच चुका है और मामला16 अप्रैल को विचार के लिए आएगा। उच्चतम न्यायालय के समक्षहुई कार्यवाही के परिणामों को इस अधिकरण को बताया जाए।’’
दो अप्रैल को दिल्ली सरकार ने शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि वह राष्ट्रीय राजधानी के लिए यमुना में प्रतिदिन450 क्यूसेक पानी छोड़ने के लिए हरियाणा से बातचीत कर रही है। अधिकरण ने पूर्व में जल बोर्ड के अभिवेदन को लेकर उसे फटकार लगाई थी। इस अभिवेदन में कहा गया था कि यमुनाजल में अमोनिया के उच्च स्तर के लिए हरियाणा जिम्मेदार है। यही जल राष्ट्रीय राजधानी में आ रहा है। अधिकरण ने कहा था कि यमुना शहर की सीवर लाइन में बदल गई है।
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