विशाखापट्टनम की एक फार्मा कंपनी में गैस लीकेज मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने आंध्र प्रदेश सरकार और केंद्र को नोटिस जारी किया है। विशाखापट्टनम में गुरुवार को केमिकल प्लांट से जहरीली गैस लीक होने से इलाके में हड़कंप मच गया। इस घटना में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 300 से ज्यादा लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
इसमें से कई बुजुर्गों और बच्चों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। गैस लीकेज से प्लांट के आस-पास के पांच गांव प्रभावित हुए हैं। घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की एक आपातकालीन बैठक बुलाई। गैस से प्रभावित तकरीबन 70 लोगों को इलाज के लिए किंग जॉर्ज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के मुताबिक गैस लीकेज पर काबू कर लिया गया है। मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी घटना पर करीब से निगाह रख रहे हैं। रेड्डी ने जिंदगियां बचाने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हरसंभव कदम उठाने के लिए जिले के अधिकारियों से कहा है। इस दुर्घटना ने साल 1984 की भोपाल गैस त्रासदी की याद दिला दी।
विशाखापट्टनम गैस कांड का भयावह मंजर, सड़क पर बदहवास होकर गिरने लगे लोग
विशाखापट्टनम की गलियों और अस्पतालों में लोग दहशत में नजर आए। सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायत के बाद लोगों को विभिन्न अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। भर्ती कराए गए लोगों में अधिकतर बुजुर्ग और बच्चे शामिल है।